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By Sumit Saxena

Published : Jul 15, 2024, 8:22 PM IST

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'मेरे पिता को खाने में जहर दिया', सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार अंसारी के बेटे का आरोप - Umar Ansari to Supreme Court

Umar Ansari to Supreme Court: दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट आरोप लगाया कि, उनके पिता को जेल में खाने में जहर दिया जाता था. उमर ने कहा कि, इंसान के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता.

ANI
दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी (ANI)

नई दिल्ली: दिवंगत गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दावा किया कि उनके पिता को दिए गए भोजन के माध्यम से "जहर" दिया गया था. उन्हें आवश्यक चिकित्सा उपचार से भी वंचित कर दिया गया था, जिसके कारण उनकी (मुख्तार अंसारी) हिरासत में मृत्यु हो गई. उमर ने कहा कि इंसानों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता. मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की जेल में बंद थे.

उमर ने 2023 में बांदा जेल के अंदर अपने पिता की सुरक्षा को खतरे का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी. 28 मार्च को, मऊ सदर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे अंसारी का बांदा के एक अस्पताल में ह्रदय गति रुकने से से निधन हो गया था. उमर अंसारी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल को अपने पिता की सुरक्षा के बारे में जो डर था वही हुआ. सिब्बल ने कहा कि, उन्होंने 2023 की याचिका में की गई प्रार्थना में संशोधन की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, 'मिस्टर सिब्बल, हम उसे वापस नहीं ला सकते... आप यह अच्छी तरह से जानते हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ जैसी स्थिति की आशंका जताई थी. सिब्बल ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसके पिता को खाने में जहर दिया गया. सिब्बल ने दलील दी कि इस देश में इंसानों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता और उन्होंने अदालत से इस मामले में जांच के लिए निर्देश देने का आग्रह किया.

वहीं, इस पर पीठ ने याचिका में संशोधन की अर्जी पर नोटिस जारी किया. पीठ ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज से कहा कि वह इस पर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने नटराज को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर गौर किया कि मुख्तार अंसारी को जेल में अपेक्षित चिकित्सा उपचार से वंचित कर दिया गया, जिसके कारण हिरासत में उसकी मौत हो गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को सुरक्षा उपाय जारी रखने का निर्देश दिया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुख्तार अंसारी से किसी भी 'अप्रत्याशित स्थिति' में मुलाकात न हो. उमर की याचिका में कहा गया है कि वह अपने पिता के जीवन के लिए चिंतित है और वह उनकी जीवन की रक्षा के एकमात्र उद्देश्य के साथ अदालत जाने के लिए बाध्य हैं.

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