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BJP पर पैसे बांटने और मतदाताओं को लुभाने का आरोप? MVA ने किया कार्यकर्ताओं को अलर्ट - MAHARASHTRA ASSEMBLY ELECTIONS

महाराष्ट्र चुनाव से एक दिन पहले ही 'कैश फॉर वोट' के आरोपों को लेकर राज्य की सियासत गर्म हो गई है. एमवीए ने पूरे महाराष्ट्र में अपने कार्यकर्ताओं को अलर्ट रहने को कहा है. आरोप बीजेपी पर लगे हैं.

MAHARASHTRA ASSEMBLY ELECTIONS
महाराष्ट्र का रण (ANI)

By Amit Agnihotri

Published : Nov 19, 2024, 5:44 PM IST

Updated : Nov 19, 2024, 5:53 PM IST

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले, महाविकास अघाड़ी ने मतदाताओं के बीच नकदी या शराब के वितरण पर नजर रखने को लेकर अपने कार्यकर्ताओं को अलर्ट किया है. क्योंकि उन्हें चिंता है कि भाजपा कथित तौर पर मतदाताओं को रिश्वत देने की कोशिश कर रही है. एमवीए ने अपने कार्यकर्ताओं से 20 नवंबर को मतदान के दिन किसी भी चुनावी गड़बड़ी की सूचना देने को कहा और उचित कार्रवाई करने के लिए कानूनी टीमों को तैयार रखा है.

इस विषय पर महाराष्ट्र के एआईसीसी पर्यवेक्षक अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि, उन लोगों ने सुबह अपने सहयोगियों के साथ चुनाव तैयारियों की समीक्षा की. उन्हें चिंता है कि भाजपा और उसके सहयोगियों के पास भारी मात्रा में नकदी है और वे पूरे राज्य में मतदाताओं को लुभाने के लिए इसे बांट रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि, बीजेपी और उनके सहयोगी मतदाताओं के बीच शराब भी बांट रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि, पालघर के वसई इलाके से भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े द्वारा मतदाताओं के बीच नकदी बांटने की खबरें आई हैं. उन्होंने कहा कि, इस तरह की खबरें नासिक से भी आई हैं.

एआईसीसी पर्यवेक्षक अविनाश पांडे ने बताया कि, उन्हें डर है कि, इस तरह का काम पूरे राज्य में हो रहा है. इसलिए पार्टी ने अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से 19 और 20 नवंबर को इस तरह की चुनावी गड़बड़ियों पर नजर रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने को कहा है. उन्होंने आगे कहा कि, उनके कानूनी टीमें ऐसे किसी भी मामले का जवाब देने के लिए सभी 288 सीटों पर तैयार हैं.

दूसरी तरफ एमवीए के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष तावड़े मामले को बड़े पैमाने पर उठाएगा और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मुद्दे पर बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं. एआईसीसी पदाधिकारी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को अमीर और गरीब समर्थक गठबंधन के बीच मुकाबला बताया.

उन्होंने कहा कि, यह सरकार (शिंदे सरकार) अमीर समर्थक है और इसके अभियान को वित्तपोषित करने वाले कई बड़े कॉरपोरेट्स का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा के 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' नारे को बहुत सटीक ढंग से समझाया है, जिसका मतलब है कि वे सभी अपने खजाने को सुरक्षित रखने के लिए एकजुट हैं. पांडे ने कहा कि, आम लोगों को जिन्हें नौकरी और ऊंची कीमतों से राहत चाहिए, वे एमवीए में उम्मीद देखते हैं और हमारा समर्थन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने बताया है कि इस सरकार को एक बड़े औद्योगिक घराने द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जिसे पुनर्विकास के लिए मुंबई में धारावी क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये की कीमत की प्रमुख भूमि दी गई है, जिसे एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती माना जाता है. राहुल गांधी ने कहा है कि, वह गरीबों के हितों से समझौता नहीं होने देंगे और भाजपा की गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति को गरीबों में बांटेंगे.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि, पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एमवीए के लिए समर्थन मांगने के लिए विभिन्न समुदायों और नागरिक समाज संगठनों से संपर्क किया था. पांडे ने कहा, कि, उन्होंने हाल ही में गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज समूहों की एक सभा को संबोधित किया और उनसे आग्रह किया कि वे 20 नवंबर को बड़ी संख्या में मतदाताओं को घर से बाहर आने के लिए कहें.

इससे पहले, एआईसीसी पर्यवेक्षक और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने राज्य के निवासियों की एक सभा को संबोधित किया और इसी तरह की अपील की. कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी अपने क्षेत्रीय प्रभावों का उपयोग करके स्थानीय मतदाताओं को जुटाने के लिए इसी तरह के संपर्क किए हैं.

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Last Updated : Nov 19, 2024, 5:53 PM IST

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