श्रीनगर: भारत में धार्मिक स्थलों के सर्वे को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्थानीय अदालत को इस मामले में कोई भी आदेश जारी करने से बचना चाहिए. साथ ही कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर भी रोक लगा दी है. इस संबंध में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी और इस विवाद के लिए उन्होंने भारत के पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) को जिम्मेदार ठहराया.
पूर्व सीएम ने कहा, "पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने मस्जिदों सहित उन पूजा स्थलों के सर्वे की अनुमति दी, जहां शिकायतें की गई थीं." इस दौरान उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1991 में ही एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि 1947 से पूजा स्थलों की धार्मिक स्थलों की प्रकृति नहीं बदली जाएगी.
800 से ज्यादा साल पुराना तीर्थस्थल
अजमेर दरगाह को लेकर उन्होंने उल्लेख किया कि अब अजमेर शरीफ दरगाह जैसे धार्मिक स्थलों के सर्वे किए जा रहे हैं, जो 800 से अधिक साल से तीर्थस्थल रहा है और जहां हिंदू श्रद्धालू भी आते हैं. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अब मुसलामनों के घरों में भी शिवलिंग की तलाशी की जाएगी. हमने संभल में देखा, जहां 5 लोगों की मौत हो गई.