प्रत्येक कर्मचारी को अपनी पूरी क्षमता और प्रतिबद्धता के साथ काम करना चाहिए. अगर उनके सामने कुछ चुनौतियां भी आती हैं, तो उन्हें इनका रचनात्मक तरीके से सामना करना चाहिए. आप हमारे संस्थान और व्यवस्था की नींव हैं, जिनकी मजबूती सदैव बनी रहेगी.
'न बारिश के लिए, न तूफान के लिए - मेरी सांझ के धुंधले प्रकाश में नया रंग भरने के लिए.' विश्व-कवि रवींद्र नाथ टैगोर के ये शब्द दशकों से मुझे प्रेरित करते रहे हैं. ये शब्द कर्मसाक्षी की तरह भोर की किरणों में चेतना की भावना के रूप में मेरे दिल में अंतर्निहित हैं. सप्ताश्व रथारूढ़ की गति से मेरे सृजन कौशल को धार देते रहे और मैं पीढ़ियों का फर्क किए बिना अनवरत कार्यकर्ता के रूप में आगे बढ़ता रहा.
भले ही मैं वृद्ध हो गया हूं, लेकिन आज भी मेरे दिमाग में नए विचार आते रहते हैं, जो बताते हैं कि परिवर्तन जीवंत है, परिवर्तन सत्य है. रामोजी ग्रुप परिवार के मुखिया के रूप में मैं आप सभी को यह पत्र लिख रहा हूं. क्योंकि मैं उस लक्ष्य को हासिल करने की इच्छा रखता हूं, जो कब और कहां पूरा होगा यह अज्ञात है. मानो यह भविष्य की योजना है. रामोजी ग्रुप ऑफ कंपनीज के कर्मचारियों के तौर पर आप सभी को अपने महान लक्ष्यों के लिए बधाई!
इतने लोगों की टीम एक शक्ति की तरह होती है. हालांकि, रामोजी ग्रुप की सभी कंपनियां मेरे विचारों की उपज हैं, फिर भी सबने अपने आप में एक पावरफुल सिस्टम को विकसित कर लिया है, और लाखों लोग इन्हें पसंद कर रहे हैं. मैं ऐसे कई कर्मचारियों को जानता हूं, जिन्होंने हमारी कंपनियों की तरक्की में अहम भूमिका निभाई है, वे पेशेवर मूल्यों के प्रति समर्पित हैं और समाज में जाने-माने नाम हैं.
रामोजी ग्रुप की कंपनियों में काम करना सम्मान की बात है, मुझे उन कर्मचारियों पर गर्व है, जिनके पास विशिष्ट विशेषताएं हैं और जो कंपनी के साथ अटूट रूप से जुड़े हुए हैं. कड़ी मेहनत से सब कुछ संभव है. यह एक ऐसा व्यावसायिक सिद्धांत है, जिसका मैंने दशकों से ईमानदारी से पालन किया है ! इसलिए, मेरी सभी कंपनियां सीधे तौर पर जनहित से जुड़ी हुई हैं. हमारी कंपनियों में व्यापक रूप से मानव संसाधन उपयोग सुनिश्चित किया गया है. यहां हम उच्च कार्य मानकों और मूल्यों का पालन करते हैं. दशकों तक मेरे पीछे खड़े रहने वाले और मेरी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में मेरी मदद करने वाले सभी कर्मचारियों का धन्यवाद!
मेरी जिंदगी की एक विशेषता रही है कि कोई भी काम या परियोजना विशिष्ट या फिर यूनिक होनी चाहिए. हम दूसरा स्थान प्राप्त कर संतुष्ट नहीं होना चाहते हैं. इसी ध्येय के साथ मैंने जीवन में सफलता पाई है. मार्गदर्शी (चिट फंड कंपनी) से लेकर 'ईटीवी भारत' तक, सब कुछ सर्वश्रेष्ठ बनाया और तेलुगु रेस का झंडा बुलंद किया.