हैदराबाद: तेलंगाना की हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) के प्रोफेसरों ने अपने रिसर्च में पाया कि जो आम अपने पोषक तत्वों और स्वाद के लिए जाना जाता है, वह बदहजमी (Indigestion) को रोकने के लिए एक प्राकृतिक औषधि का काम करता है. चूहों पर की गई रिसर्च से यह प्रूव हो चूका है कि
आम में मौजूद मैंगिफेरिन अपच को रोकने के लिए कारगर होता है. इस स्टडी की डिटेल हाल ही में 'अमेरिकन केमिकल सोसाइटी फार्माकोलॉजी, ट्रांसलेशन' मैगजीन में पब्लिश हुई थी.
क्या आम में पाया जाने वाला मैंगिफेरिन नामक रसायन अपच को कम करता है? क्या बड़ी आंत और छोटी आंत में पाचन तंत्र एक्टिव रूप से कार्य करता है? क्या यह कोलन कैंसर कोशिकाओं को मारता है? इस तरह के सवालों का पता लगाने के लिए हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रेड्डन्ना और रिसर्चर डॉ गंगाधर, के. सुरेश और के अनिल तीन साल के अध्ययन कर रहे हैं.
चूहों पर किया ट्रायल
चूहों पर किए गए एक्स्पेरिमेंट में चूहों को आर्टिफिशियल इंडिगेस्चन देना शुरू किया गया और दवा के रूप में मैंगिफेरिन का प्रयोग शुरू किया गया. इस प्रक्रिया में इंडिगेस्चन में कमी के साथ-साथ पाचन तंत्र की सक्रिय कार्यप्रणाली और कोलन कैंसर सेल लाइन को लगभग पूरी तरह से खत्म कर दिया. इसके साथ ही मैंगिफेरिन को दवा रूप में विकसित करने के लिए प्राइमरी क्लीनिक्ल ट्रायल करने का निर्णय लिया गया.