मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की मौजूदा तस्वीर देखें तो पता चलता है कि राजनीतिक नेता राजनीतिक निष्ठा, विचारधारा और सिद्धांतों को गौण स्थान दे रहे हैं. राजनीतिक दल अक्सर भाई-भतीजावाद को लेकर एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते रहते हैं. लेकिन अभी भी चुनावों के दौरान प्रमुख नेताओं के रिश्तेदारों को ही उम्मीदवार बनाया जाता है.
महाराष्ट्र चुनाव में कई दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियां भी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि नारायण राणे के दोनों बेटे चुनाव में हैं. इनमें से एक भाजपा के टिकट पर तो दूसरा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहा है.
आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे
वहीं, ठाकरे परिवार का दबदबा बनाए रखने के लिए आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे भी राजनीति में उतर आए हैं. शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की तीसरी पीढ़ी के दो युवा नेता मुंबई की दो अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे वर्ली से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे माहिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.
2019 में आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र के प्रभावशाली ठाकरे परिवार के पहले सदस्य थे, जो सीधे जनता से चुने गए थे. तब तक न तो उनके पिता उद्धव ठाकरे और न ही उनके चाचा राज ठाकरे ने कभी चुनाव लड़ा था. मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद का चुनाव लड़ा.
अब राज ठाकरे ने भी अपने बेटे अमित ठाकरे को माहिम से मनसे की तरफ से उम्मीदवार बनाया है. साथ ही वर्ली से एक बार फिर आदित्य ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के टिकट पर मैदान में उतरे हैं और उन्हें शिंदे की शिवसेना के मिलिंद देवड़ा और मनसे के संदीप देशपांडे चुनौती देंगे.
उद्धव ठाकरे की ओर से वरुण सरदेसाई भी बांद्रा ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं. वरुण सरदेसाई आदित्य ठाकरे की मौसी के बेटे हैं. 31 वर्षीय वरुण सरदेसाई पेशे से इंजीनियर हैं और शिवसेना की युवा सेना से जुड़े हैं.
ठाकरे परिवार की तरह पवार परिवार भी आंतरिक कलह के कारण नई चुनौतियों का सामना कर रहा है. उनके भतीजे अजित पवार ने भी एनसीपी को दो हिस्सों में बांट दिया. उद्धव ठाकरे की तरह महाराष्ट्र की जनता ने भी शरद पवार से हमदर्दी दिखाई और मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया.
अब शरद पवार ने बारामती विधानसभा क्षेत्र में अजित पवार के खिलाफ युगेंद्र पवार को मैदान में उतारा है. युगेंद्र पवार दरअसल अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं और अपने चाचा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने सुप्रिया सुले के खिलाफ बारामती लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है कि यह एक तरह का बदला है. सुप्रिया सुले से हारने के बाद सुनेत्रा पवार राज्यसभा सांसद बन गईं.