सिंधुदुर्ग: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कई दिग्गज नेताओं के बच्चे भी मैदान में उतरे थे. कई जगहों पर चाचा-भतीजे, पिता-पुत्र, भाई-भाई के बीच मुकाबला था. इस वजह से इन नेताओं ने अपनी ओर सभी का ध्यान खींचा. सिंधुदुर्ग जिले में तीन निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे घोषित हो चुके हैं.
कुडल निर्वाचन क्षेत्र में नीलेश राणे ने वैभव नाइक को करीबी मुकाबले में हराया, जबकि कंकावली से नितेश राणे ने जीत हासिल की. साथ ही सावंतवाड़ी निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के दीपक केसरकर ने जीत हासिल की.
राणे बंधुओं की जीत
मुंबई में ठाकरे बंधुओं और कोंकण में राणे बंधुओं की चुनावी लड़ाई पर भी राज्य का ध्यान गया. इस साल कोंकण में नितेश राणे और नीलेश राणे चुनाव मैदान में उतरे थे. भाजपा के नितेश राणे कंकावली से चुनाव लड़ रहे थे, जबकि शिवसेना के नीलेश राणे कुडाल से चुनाव लड़ रहे थे. दोनों भाइयों ने जीत दर्ज की है.
जीत के नितेश राणे ने कहा, "मैं पहले दिन से ही कह रहा था कि कंकावली, देवगढ़, वैभववाड़ी के लोगों ने मुझे तीसरी बार सेवा का मौका देने का फैसला किया है. 262 गांवों का दौरा करने के दौरान मुझे इसका अहसास हो गया था."
राणे बंधुओं के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद नारायण राणे के दोनों बेटे इस साल अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगाकर चुनाव मैदान में थे. कोंकण से दोनों राणे बंधुओं के लिए यह प्रतिष्ठा की लड़ाई थी. भाजपा ने कंकावली विधानसभा क्षेत्र से नितेश राणे को मैदान में उतारा था. यहां से उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने संदेश पारकर को टिकट दिया था. चुनाव में दोनों के बीच 'काटे की टक्कर' देखने को मिली.
वहीं, नीलेश राणे को एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने कुडल-मालवन विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था. उनके खिलाफ विधायक वैभव नाइक मैदान में थे. वैभव नाइक को कड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा था, क्योंकि वे उद्धव ठाकरे की शिवसेना के प्रति वफादार रहे.
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