मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती विधानसभा सीट पर अपने भतीजे एनसीपी (शरद पवार) के युगेंद्र पवार को हराया दिया है. उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक अजित पवार को कुल 1 लाख 81 से ज्यादा वोट मिले, जबकि उनके भतीजे योगेंद्र 80233 वोट ही हासिल कर सके.
इसके साथ ही अजित पवार ने पवार परिवार के गढ़ में आठवीं बार जीत हासिल की है. अजित पवार महाराष्ट्र के वर्तमान उपमुख्यमंत्री हैं. उन्होंने विभिन्न राज्य सरकारों में वित्त मंत्री और जल संसाधन मंत्री के रूप में भी काम किया है.
अजित पवार के नाम भारतीय राजनीति में दो उल्लेखनीय रिकॉर्ड हैं - वे पांच बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं और उनके पास डीसीएम के रूप में सबसे कम कार्यकाल का रिकॉर्ड भी है, जो दिसंबर 2019 में केवल तीन दिनों तक चला था.
भतीजे से अजित पवार का सामना
सात बार बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अजीत पवार को उम्मीद है कि वह इस सीट पर अपने अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ जीत हासिल करेंगे, जो शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट का हिस्सा हैं. युगेंद्र पवार अजीत पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं.
पहली बार चुनावी मैदान में युगेंद्र
32 वर्षीय युगेंद्र पवार चुनावी मैदान में पहली बार उतरे हैं. युगेंद्र पवार शरद पवार द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान के कोषाध्यक्ष हैं और बारामती तालुका कुस्तीगीर परिषद के प्रमुख भी हैं. सरकारी रिकॉर्ड में उनका पेशा कृषक और व्यवसायी के रूप में दर्ज है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, युगेंद्र पवार ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई और पुणे में की और बाद में बोस्टन में नॉर्थ ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से फाइनेंस और इंश्योरेंस की पढ़ाई करने के लिए विदेश चले गए. युगेंद्र पवार बाद में अपने पिता के कारोबार में शामिल हो गए, जो लॉजिस्टिक्स, ऑटोमोबाइल डीलरशिप, कृषि उद्योग, सिक्योरिटी सर्विस और रियल एस्टेट से जुड़ा है.
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