हैदराबाद: आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस (International Olympic Day 2024) है. दुनिया भर में हर साल 23 जून को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है. खेल व फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए यह दिन मनाया जाता है. इस दिन विश्व के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें हर वर्ग के लोग व खिलाड़ी शामिल होते हैं.
हर साल 23 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस दुनिया भर के खेल प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह रखता है. यह महत्वपूर्ण अवसर 1894 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की स्थापना का स्मरण कराता है और खेलों की एकीकृत शक्ति की याद दिलाता है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस युवा एथलीटों को प्रेरित करने और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है.
यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि खेल व्यक्तियों को सशक्त बना सकते हैं, अनुशासन पैदा कर सकते हैं और टीम वर्क को बढ़ावा दे सकते हैं. ओलंपिक एथलीटों की सफलता की कहानियों को प्रदर्शित करके, यह दिन युवाओं को अपने खेल के सपनों को आगे बढ़ाने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करता है. शारीरिक गतिविधि पर अपने फोकस से परे, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस समाज पर खेलों के व्यापक प्रभाव को भी उजागर करता है.
कब से हुई शुरुआत
आज ही के दिन साल 1894 में पियरे दि कुबर्तिन ने पेरिस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना की थी. पहला ओलंपिक खेलों का आयोजन 1896 में एथेंस में किया गया था. पहले ओलंपिक खेलों के आयोजन की याद में ही हर साल 23 जून को ओलंपिक दिवस के रूप में मनाया जाता है. आईओसी का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉजेन में है और 206 ओलंपिक समितियां इसकी सदस्य हैं.
ओलंपिक दिवस 23 जून 1948 को पहली दफा मनाया गया था. उस वक्त पुर्तगाल, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, कनाडा, स्विट्जरलैंड, ग्रेट ब्रिटेन, उरुग्वे, वेनेजुएला और बेल्जियम ने अपने-अपने देशों में ओलंपिक दिवस का आयोजन किया था.
क्या आप जानते हैं ?
ओलंपिक खेलों का आयोजन हर 4 साल में होता है और साल 1894 से ओलंपिक खेलों का आयोजन हो रहा है. ओलंपिक खेलों में 200 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं. खास बात ये हैं कि ओलंपिक का आयोजन जिस शहर में होता है उस ओलंपिक को उसी नाम से जाना जाता है, ना कि देश के नाम से. जैसे बीजिंग ओलंपिक, लंदन ओलंपिक, रियो ओलंपिक आदि. कुछ ऐसा ही कॉमनवेल्थ गेम्स में भी होता है. ओलंपिक के सिंबल में पांच रंग के छल्ले दिखते हैं ये पांच रिंग या छल्ले दुनिया के पांच मुख्य महाद्वीपों एशिया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप को दर्शातें हैं.
3 बार विश्व युद्ध के चलते नहीं हो पाए ओलंपिक
1894 से शुरू हुए ओलंपिक खेलों का आयोजन 4 बार नहीं हो पाया है. इनमें से 3 बार ये विश्व युद्ध के चलते रद्द करना पड़ा. सबसे पहले 1916 में बर्लिन ओलंपिक प्रथम विश्व युद्ध के कारण रद्द करना पड़ा था. 20 साल बाद 1936 में बर्लिन को फिर से ओलंपिक की मेजबानी मिली जो दूसरे विश्व युद्ध से पहले आखिरी ओलंपिक था.