वायनाड: केरल में वायनाड में लैंडस्लाइड से हुई तबाही को देखकर पूरा देश दुखी है. इस आपदा में अब तक 264 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 200 से ज्यादा लोग लापता हैं. आर्मी, एनडीआरएफ और पुलिस बल प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव का कार्य कर रहे हैं. इस बीच, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वायनाड पहुंचे हैं. उन्होंने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के संबंधियों से मुलाकात की.केरल में भूस्खलन पीड़ितों से मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज मुझे उसी तरह महसूस हो रहा है जैसा पिता की मौत पर हुआ था. उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह राजनीतिक मुद्दों पर बात करने का समय है. इस समय यहां के लोगों को मदद की जरूरत है. मेरी इस समय राजनीति में दिलचस्पी नहीं है. मेरी दिलचस्पी वायनाड के लोगों में है. राहुल ने कहा कि हम सभी इन लोगों के सम्मान और स्नेह के ऋणी हैं. पूरे देश का ध्यान इस समय वायनाड की ओर है.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वायनाड में की बैठक
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी गुरुवार सुबह वायनाड पहुंचे, उनके साथ मुख्य सचिव वी वेणु और डीजीपी शेख दरवेश साहिब भी मैजूद हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि गुरुवार को वायनाड में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. उसके बाद राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक भी हुई. बैठक में विपक्षी नेताओं ने भी हिस्सा लिया.
उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान उन लोगों को बचाने पर है जो अलग-थलग पड़ गए हैं, मैं सेना के जवानों के प्रयासों की सराहना करता हूं. उन्होंने कहा कि फंसे हुए ज्यादातर लोगों को बचा लिया गया है. मिट्टी के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए मशीनरी लाना मुश्किल था और पुल बनाने से यह काम आसान हो गया. बेली ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है.
उनके अनुसार लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा, बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, पुनर्वास कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा, जैसा कि हमने पहले की स्थितियों में भी किया है. सीएम ने मीडिया से अनुरोध किया कि वे लोगों से मिलने और शिविरों के अंदर शूटिंग करने से बचें. उन्होंने कहा कि वे उनसे शिविरों के बाहर बात कर सकते हैं, व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है.
बचाव अभियान में 1600 से अधिक बल शामिल
केरल के मंत्री के राजन ने कहा कि वर्तमान में बचाव अभियान में 1600 से अधिक बल शामिल हैं. मंत्री राजन ने बताया कि इस बचाव अभियान में समाजिक कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हैं. रक्षा अधिकारियों के अनुसार, कालीकट के वेस्ट हिल बैरक से प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैंट्री बटालियन के सैनिकों ने वेल्लारीमाला से अट्टामाला की ओर गंभीर रूप से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान शुरू किया.
भारतीय सेना ने अपने बचाव अभियान को तेज कर दिया है, प्रभावित क्षेत्रों से कई लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाल लिया है. सेना के मद्रास सैपर्स के सैनिकों ने रातों-रात 100 फीट लंबा एक तात्कालिक पुल बनाया और इसे जनता के लिए खोल दिया. यह पुल बचाव कार्यों में और मदद करेगा और फंसे हुए लोगों को जल्दी से जल्दी निकालने में मदद करेगा.