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स्टंट का जुनून, एक पहिया पर साइकिल चलाते हुए कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा निकले सनीद - Kanyakumari To Kashmir Ride - KANYAKUMARI TO KASHMIR RIDE

Kanyakumari To Kashmir Ride on One Wheel Cycle: केरल के सनीद एक पहिया पर साइकिल चलाते हुए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा पर निकले हैं. वह अब तक 4000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं और उनका अंतिम लक्ष्य कश्मीर पहुंचना है.

kerala man Kanyakumari To Kashmir Ride on One Wheel Cycle
एक पहिया पर साइकिल चलाते हुए कन्याकुमारी से कश्मीर की यात्रा निकले सनीद (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 24, 2024, 5:46 PM IST

लुधियाना:केरल के सनीद एक पहिया पर साइकिल चलाते हुए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा पर निकले हैं. पेशे से सिविल इंजीनियर सनीद नशे के खिलाफ युवाओं को संदेश देने के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं.

सनीद की यह यात्रा इसलिए खास है क्योंकि वह साइकिल से यह यात्रा कर रहे हैं, वो भी कोई साधारण साइकिल नहीं है, बल्कि पहिया वाली साइकिल से. उन्होंने साधारण साइकिल का अगला पहिया निकाल दिया है और केवल एक पहिया पर यह यात्रा कर रहे हैं.

वह 200 दिनों से अधिक समय से इस यात्रा पर हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द ही नया विश्व रिकॉर्ड कायम करेंगे और एक पहिया पर साइकिल से इतनी लंबी दूरी तय करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बन जाएंगे. सनीद अब तक 4000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं और उनका अंतिम लक्ष्य कश्मीर पहुंचना है. इस बीच पंजाब के लुधियाना पहुंचने पर लोगों ने सनीद के साथ सेल्फी ली.

पंजाब के लुधियाना पहुंचने पर सनीद के साथ सेल्फी लेते हुए लोग (ETV Bharat)

दरअसल, केरल के कन्नूर के रहने वाले सनीद अपने दो दोस्तों के साथ इस यात्रा पर निकले थे, लेकिन अब वह इस अभियान में अकेले रह गए हैं. उनके दोनों साथी हीटस्ट्रोक के कारण अभियान से पीछे हट चुके हैं. सनीद में अपने लक्ष्य को लेकर जुनून है.

स्टंट करने का जुनून
सनीद सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी कर रहे थे, लेकिन उन्हें स्टंट का शौक है. वह एक पहिया पर बाइक भी चलाते हैं. सनीद ने बताया कि कानून उन्हें इतनी लंबी दूरी तक एक पहिये पर बाइक चलाने की इजाजत नहीं देता, इसलिए वह साइकिल के जरिये इस अभियान पर निकले. वे अपने साथ खाने-पीने और टेंट का करीब 30 किलो वजन लेकर चल रहे हैं. इस वजन के बावजूद वह आसानी से यात्रा कर रहे हैं, फिर चाहे चढ़ाई हो या ढलान.

रास्ते में जहां भी मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा मिलते हैं वहां रुकते हैं और रात गुजारते हैं. नहीं मिलने पर वह पेट्रोल पंप या खुले मैदान में अपना तंबू लगाकर रात गुजारते हैं. सनीद दिन में यात्रा करते हैं और रात को सोते हैं, जिससे उन्हें काफी ऊर्जा मिलती है. वे इस यात्रा को पूरा करने के लिए जुनूनी हैं.

नशे के खिलाफ अभियान
सनीद इससे पहले भी इस तरह की यात्राएं कर चुके हैं. वह एक पहिया पर साइकिल चलाकर पूरे केरल की यात्रा भी कर चुके हैं. अब उनका मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक करना है. खास तौर पर वह इसी उद्देश्य से पैदल चले हैं. सनीद ने कहा कि वे जब चाहें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं, लेकिन वे पहले विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं और वे इसके काफी करीब हैं.

सनीद ने कहा कि पंजाब ही नहीं, आज पूरी दुनिया में नशा बहुत बड़ी समस्या है, जिसे खत्म करने की जरूरत है. वह इसी लक्ष्य को लेकर निकले हैं और इसे जरूर पूरा करेंगे. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि वह पहाड़ी क्षेत्रों में एक पहिया वाली साइकिल कैसे चलाएंगे, तो उन्होंने कहा कि उन्हें यह ताकत अपने माता-पिता के आशीर्वाद से मिली है. केरल के कई पहाड़ी इलाकों में भी वह ऐसा कर चुके हैं. सनीद ने कहा कि कश्मीर के रास्ते बहुत कठिन हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वह इस यात्रा को जरूर पूरा करेंगे.

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