बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने हाल ही में बल्लारी जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की मौत मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रभारी औषधि नियंत्रक (Drug Controller) उमेश को निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार शाम को विधान सौधा (विधानसभा भवन) में बल्लारी की घटना के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक की. इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन की सप्लाई करने वाली पश्चिम बंगाल स्थित फार्मा कंपनी को काली सूची में डालने और उसके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने गर्भवती महिलाओं की मौत मामले में पीड़ित परिवारों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. साथ ही, दवा की आपूर्ति करने वाली कंपनी से मुआवजा वसूल कर मृतक महिलाओं के परिवारों को देने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम ने कहा कि कर्नाटक के विभिन्न अस्पतालों में हुई ऐसी मौतों की जांच के लिए विकास सचिव की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया गया है.
सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन के सभी बैच वापस ले लिए गए हैं और बल्लारी जिला अस्पताल में इस्तेमाल किए गए सॉल्यूशन को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है. राज्य के विभिन्न अस्पतालों में हुई ऐसी मौतों की जांच करने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए विकास सचिव की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही, तमिलनाडु मॉडल पर दवा खरीद प्रक्रिया और औषधि नियंत्रण विभाग के पुनर्गठन के संबंध में अगली कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है."