पुरी:पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार (खजाना) के आंतरिक कक्ष को आज सुबह 9:51 बजे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम और सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार फिर से खोला गया. पुरी के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा, 'भगवान जगन्नाथ के भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के कीमती सामान और आभूषणों को खाता-सेजा घर के अंदर बनाए गए अस्थायी स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित करने की पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए गठित 11 सदस्यीय समिति की उपस्थिति में रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को खोला गया. जिसके बाद स्ट्रांग रूम को सील कर दिया जाएगा. बाहरी कक्ष को छोड़कर रत्न भंडार की चाबियां जिला कोषागार को भेजी जाएंगी.
वहीं, सुरक्षा कारणों से, आम लोगों और अनधिकृत सेवकों को सुबह 8 बजे से श्री मंदिर परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. पूरी प्रक्रिया के दौरान मंदिर के अनुष्ठानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, समिति भगवान के सभी रीति-रिवाजों को सुचारू रूप से संपन्न कराने का काम सुनिश्चित करेगी. मूल्यवान वस्तुओं के हस्तांतरण के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) आंतरिक कक्ष के अंदर संरक्षण कार्य करेगा.
14 जुलाई को, लगभग 46 वर्षों के बाद, रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को दोपहर 1:28 बजे उड़ीसा हाईकोर्ट के न्यायाधीश विश्वनाथ रथ, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासक (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक डॉ. अरबिंद कुमार पाढ़ी, एएसआई अधीक्षक डीबी गडनायक, रत्न भंडार निगरानी समिति के सदस्य डॉ. सीबीके मोहंती, रत्न भंडार उप-समिति के सदस्य दुर्गा दासमोहपात्रा, निगरानी पैनल के सदस्य जगन्नाथ दासमोहपात्रा और पुरी के नाममात्र के राजा गजपति महाराजा के प्रतिनिधि की उपस्थिति में खोला गया.