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फ्रूट मैन रामलाल कश्यप की सक्सेस स्टोरी, कैसे जांजगीर चांपा में कर रहे जापान के लखटकिया आम की खेती ?

Fruit Man Ramlal Kashyap success story: जांजगीर चांपा में एक किसान जापान के लखटकिया आम मियाजाकी की खेती कर रहा है. आम के और भी कई वैरायटी के साथ ही वो अन्य फलों की खेती भी कर रहे हैं. एक तरह से वह फ्रूट मैन बन गए हैं.

Fruit Man Ramlal Kashyap success story
जांजगीर चांपा में जापान के लखटकिया आम की खेती

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 18, 2024, 9:25 PM IST

Updated : Feb 18, 2024, 10:41 PM IST

फ्रूट मैन रामलाल कश्यप की सक्सेस स्टोरी

जांजगीर चांपा:छत्तीसगढ़ का एक किसान जापान की लखटकिया आम की खेती कर रहा है. इतना ही नहीं वो आम की और भी किस्मों के साथ अन्य फलों के अलग-अलग वैरायटी की खेती कर रहा है. हम बात कर रहे हैं जांजगीर चांपा के किसान रामलाल कश्यप की. रामलाल जांजगीर चांपा के बम्हनीडीह ब्लॉक के बिर्रा गांव के रहने वाले हैं. महानदी कोल फील्ड ओडिशा में इलेक्ट्रिकल फोर मैन के पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने खेती शुरू की. रिटायरमेंट के बाद इन्होंने अपना पूरा समय खेती किसानी में लगा दिया. अब अलग-अलग किस्म के आम की खेती के साथ ही ये अन्य फलों के भी कई किस्मों की खेती कर रहे हैं.

रिटायरमेंट के बाद करने लगे खेती:ईटीवी भारत ने बिर्रा गांव के किसान राम लाल कश्यप से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, "रिटायरमेंट के बाद का समय मैंने प्रकृति की सेवा में लगा दिया है. यहां अधिकतर लोग धान की खेती करते हैं. मैंने आम के अलग-अलग किस्मों की खेती के साथ ही अन्य फलों की खेती शुरू की. कश्मीर के सेब की अलग-अलग प्रजातियां मैंने अपने खेत में लगाई है. साथ ही अमरूद की भी 6 अलग-अलग किस्मों की खेती कर रहा हूं. इसके साथ ही जापान के लखटकिया मियाजाकी आम की खेती कर रहा हूं. आम में भी कुल 80 किस्म की खेती कर रहा हूं. इसी से अच्छी खासी कमाई हो रही है."

जांजगीर चांपा में लखटकिया आम की खेती:किसान रामलाल जापान की लखटकिया आम मियाजाकी की खेती अपने खेत में कर रहे हैं. ये आम बाजार में ढाई लाख रुपए किलो बिकता है. इसी आम को जापान प्रवास के दौरान पीएम मोदी को भेंट किया गया था. किसान राम लाल की बाड़ी में और भी आम की किस्में हैं. इन आमों की कीमत भी बाजार में अधिक है. वहीं, एक पेड़ में 4 किलों का एक आम फलता है. ऐसे कई किस्म उनके खेत में है.

रसायनिक का इस्तेमाल किए बगैर कर रहे खेती:किसान रामलाल की मानें तो उन्होंने ढाई एकड़ जमीन को खेती किसानी के लिए सुरक्षित कर रखा है. इस जमीन पर वो फल-फूल के साथ ही औषधि भी लगा रहे हैं. विदेशी पेड़ की विभिन्न प्रजाति का संग्रहण लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां कश्मीर के सेब की अलग-अलग प्रजाति के पेड़ हैं. आम के 80 किस्म के साथ अमरुद, केला, बेर, अनानास के भी अलग-अलग किस्म के पेड़ रामलाल के बाड़ी में है. इन फलों की पैदावार बढ़ाने के लिए वो किसी तरह की रसायनिक खाद का उपयोग नहीं करते हैं.

रामलाल की खेती किसानी के गुर से प्रभावित होकर अन्य किसान भी परंपरागत खेती छोड़ इस तरह का काम खेती में कर सकते हैं. जिससे उनकी आय आने वाले समय में दोगुनी हो जाए.

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Last Updated : Feb 18, 2024, 10:41 PM IST

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