श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने बुधवार को आगामी जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए 17 विधानसभा क्षेत्रों के लिए पार्टी प्रभारियों की घोषणा की. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पुष्टि की कि वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगी.
पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा जारी सूची के अनुसार, कई प्रमुख हस्तियों को विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है. अनुभवी राजनेता और विधान परिषद के पूर्व सदस्य (एमएलसी) मोहम्मद खुर्शीद आलम को ईदगाह निर्वाचन क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया गया है.
उत्तर कश्मीर में अपनी गहरी जड़ों के लिए जाने जाने वाले पूर्व कानून मंत्री अब्दुल हक खान लोलाब निर्वाचन क्षेत्र की देखरेख करेंगे. बशारत बुखारी को वागूरा क्रेरी खंड सौंपा गया है. जावेद इकबाल गनी पट्टन निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी होंगे, जबकि शेख गौहर अली जादीबल निर्वाचन क्षेत्र का प्रबंधन करेंगे. पीडीपी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद इकबाल ट्रंबू चनापोरा की देखरेख करेंगे.
चुनाव न लड़ने का फैसला
अन्य उल्लेखनीय नियुक्तियों में गंदेरबल के लिए बशीर अहमद मीर, बडगाम के लिए आगा सैयद मुनतज़िर मेहदी और सुरनकोट के लिए एडवोकेट जाविद चौधरी शामिल हैं. इन नियुक्तियों के बीच, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने आगामी विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने मौजूदा राजनीतिक माहौल में अपनी पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने की अपनी क्षमता पर भी संदेह जताया.
मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल किया याद
मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल को याद करते हुए महबूबा ने 12,000 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर रद्द करने जैसी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और आज इसी तरह की कार्रवाइयों की व्यवहार्यता पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा, "मैंने भाजपा के साथ सरकार का नेतृत्व किया और एफआईआर रद्द करवाने और सीजफायर लागू करने में सफल रही. क्या हम अब ऐसा कर सकते हैं? अगर आप मुख्यमंत्री के रूप में एफआईआर भी वापस नहीं ले सकते, तो इस पद का क्या महत्व है?
सरजन बरकती के नामांकन पत्र चुनाव आयोग से मांगा स्पष्टीकरण
इस बीच चुनाव आयोग ने सरजन बरकती के नामांकन पत्र को अस्वीकार कर दिया है. इसको लेकर पीडीपी अध्यक्ष चुनाव आयोग से नाराजगी जताई है और उनका नामांकन पत्र को अस्वीकार करने के लिए सार्वजनिक स्पष्टीकरण देने का आह्वान किया है.
एक्स पर एक भावपूर्ण पोस्ट में महबूबा मुफ़्ती ने एक मार्मिक वीडियो साझा किया, जिसमें बरकती की बेटी को रोते हुए दिखाया गया है, जो परिवार द्वारा महसूस किए गए गहरे दुख को व्यक्त करता है. महबूबा ने लिखा, "जैनपोरा से सरजन बरकती के विधानसभा नामांकन पत्र को अस्वीकार किए जाने के बारे में सुनकर दुख हुआ." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र विचारों के मुक्त आदान-प्रदान पर पनपता है और हर किसी को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर मिलना चाहिए.
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