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'जस्टिस डिलेड इज जस्टिस डिनाइड', आदेशों का पालन न करने पर कैट ने स्वास्थ्य सचिव का वेतन रोका - HEALTH SECRETARY SALARY FREEZ

न्यायाधिकरण ने विशेष रूप से विभाग को चयनित उम्मीदवारों पलवी और वसुंधरा को चार सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया.

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 6, 2025, 6:38 PM IST

श्रीनगर: स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग जम्मू में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की आलोचना का शिकार हुआ है. कोर्ट के आदेशों का पालन न करने के दो समान मामलों में, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जम्मू ने सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही कैट ने अगले आदेश तक विभाग के स्वास्थ्य सचिव के मासिक वेतन पर रोक लगा दी है.

यह मामला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत एक पद के लिए चयन के बावजूद डॉ. पलवी दुबे और डॉ.वसुंधरा परिहार को नियुक्ति पत्र जारी न करने से संबंधित है. न्यायाधिकरण, जिसमें सदस्य राम मोहन जौहरी और सदस्य राजिंदर सिंह डोगरा शामिल हैं, ने अधिकारियों (स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त,सचिव के कठोर रवैये पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए टिप्पणी की कि, ऐसे अधिकारी कानून के शासन को बनाए रखने में विफल रहने के लिए वेतन पाने के लायक नहीं हैं.

न्यायाधिकरण ने पाया कि 13 सितंबर, 2024 और 30 दिसंबर, 2024 को जारी स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, प्रतिवादियों ने नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया था, जो कि अदालत के आदेशों का घोर उल्लंघन है.

कैट के आदेश में कहा, "19 नवंबर 2024 को आवेदक का चयन प्रतिवादी संख्या 1 द्वारा किया गया. हालांकि, अभी तक उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है. प्रतिवादियों ने चार अवसरों का लाभ उठाया, इसलिए प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.

कैट ने आयुक्त सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा को आज से चार सप्ताह की अवधि के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है, अन्यथा वह अगली सुनवाई की तारीख को इस न्यायाधिकरण के समक्ष उपस्थित होंगे और बताएंगे कि वह आवेदक को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं जारी कर रहे हैं. दोनों मामलों में सुनवाई की अगली तारीख 28 फरवरी तय की गई है. बेंच ने एक अन्य याचिकाकर्ता डॉ. वसुंधरा परिहार के पक्ष में भी ऐसा ही आदेश जारी किया.

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