नई दिल्ली: पश्चिम एशिया में तनाव के बीच भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत को बड़ी क्षति बताया है. नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नसरल्ला एक महान नेता और लेबनान के महान राजनीतिज्ञ थे. उनकी शहादत कोई छोटी बात नहीं है. यह एक बड़ी क्षति है, न सिर्फ मुसलमानों के लिए, न सिर्फ शिया समुदाय के लिए, न केवल लेबनानी लोगों के लिए, बल्कि हमारे सभी अरबों के लिए.
इलाही ने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल के आक्रमण और सैन्य हमलों को रोकने से ही मध्य पूर्व में तनाव कम हो सकता है. इजराइल-हिजबुल्लाह संघर्ष पर इलाही ने कहा, "मुख्य समाधान इजराइल द्वारा आक्रमण और सैन्य हमले को रोकना है. हमें उम्मीद है कि न सिर्फ भारत बल्कि सभी देश इजराइल पर अपने प्रभाव का उपयोग करके फिलिस्तीन और लेबनान पर उसके आक्रमण को रोकेंगे."
हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन नहीं...
इजराइल द्वारा हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन बताने पर ईरानी दूत इलाही ने कहा कि हिजबुल्लाह एक राजनीतिक दल है. उन्होंने कहा, "हिजबुल्लाह एक राजनीतिक दल है. यह एक आतंकवादी समूह नहीं है. वे (ईरान) इजराइल अपने नरसंहार, रक्तपात और निर्दोष लोगों पर हमलों और क्षेत्र में अपनी शत्रुता को सही ठहराने के लिए हिजबुल्लाह को आतंकवादी समूह बता रहे हैं."
नेतन्याहू ने नसरल्लाह को आतंकवादी बताया था...
बता दें कि इजराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने बीते शुक्रवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण बमबारी की थी, जिसमें नसरल्लाह की मौत हो गई. नसरल्लाह की मौत के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी जारी कहा था कि जो लोग इजराइल को निशाना बनाएंगे, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे और ईरान या मध्य पूर्व में कोई भी स्थान इजराइल की पहुंच से परे नहीं है. नेतन्याहू ने नसरल्लाह को आतंकवादी बताया था.
यह भी पढ़ें-पश्चिम एशिया में संघर्ष का भारत पर क्या असर होगा ? जानें एक्सपर्ट की राय