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भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत, मिला पांचवां मिसाइल-सह-गोला बारूद बार्ज - Indian Navy gets fifth MSME

Indian Navy Gets MSME Shipyard: भारतीय नौसेना ने MSME शिपयार्ड सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम द्वारा निर्मित पांचवां मिसाइल कम एम्युनिशन बार्ज, LSAM 13, यार्ड 81 लॉन्च किया है. ये बार्ज मिसाइल कम एम्युनिशन बार्ज परियोजना का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए वस्तुओं और गोला-बारूद के परिवहन, बर्थिंग और उतरने की सुविधा प्रदान करना है.

Indian Navy gets fifth Missile-Cum-Ammunition Barge
भारतीय नौसेना को पांचवां मिसाइल-सह-गोला बारूद बार्ज मिला (SpokespersonNavy X - @indiannavy)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 11, 2024, 7:39 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के लिए MSME शिपयार्ड, सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (SEPPL), विशाखापत्तनम द्वारा निर्मित मिसाइल कम एम्युनिशन बार्ज परियोजना का पांचवां बार्ज, 'मिसाइल कम एम्युनिशन बार्ज, LSAM 13, यार्ड 81' का 10 जून को शुभारंभ किया गया. रक्षा मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, लॉन्चिंग समारोह की अध्यक्षता एनडी (Mbi) के महाप्रबंधक (QA) कमोडोर मनीष विग ने की.

मिसाइल कम एम्युनिशन बार्ज के निर्माण के लिए अनुबंध पर 19 फरवरी 2021 को रक्षा मंत्रालय और मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के बीच हस्ताक्षर किए गए. इन बार्जों की उपलब्धता भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति प्रदान करेगी. इससे भारतीय नौसेना के जहाजों को जेटी और बाहरी बंदरगाहों पर वस्तुओं और गोला-बारूद के परिवहन, चढ़ने और उतरने में सुविधा होगी.

भारतीय नौसेना को पांचवां मिसाइल-सह-गोला बारूद बार्ज मिला (SpokespersonNavy X - @indiannavy)

इन बार्जों को भारतीय नौवहन रजिस्टर (IRS) के प्रासंगिक नौसेना नियमों और विनियमों के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है. डिजाइन चरण के दौरान बजरे का मॉडल परीक्षण नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL), विशाखापत्तनम में किया गया था. ये बार्ज भारत सरकार (GoI) की मेक इन इंडिया पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं.

इससे पहले सोमवार को, समुद्री निगरानी के लिए तैनात भारतीय नौसेना के जहाज (INS) ने कार्रवाई की और मछली पकड़ने वाले जहाज इनफैन डीएचएएस द्वारा संकट कॉल का तुरंत जवाब दिया, जिसने इंजन की विफलता के बाद सहायता का अनुरोध किया था. भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि, जहाज की तकनीकी टीम ने दोष सुधार का काम किया और इंजन को तेजी से चालू किया, जिससे जहाज मछली पकड़ने के काम को जारी रख सके.

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