नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयास को दृढ़ता से खारिज कर दिया. भारत ने कहा कि मनगढ़ंत नाम बताने से 'इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा कि राज्य हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहेगा. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता, रणधीर जयसवाल ने एक आधिकारिक बयान में कहा.
चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य पर अपना दावा जताने के लिए हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों की एक सूची जारी की है. भारत चीन की ओर से स्थानों के इस तरह के नाम बदलने को खारिज करता रहा है. उसके सरकारी ग्लोबल टाइम्स की 30 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की, यह नाम चीन अरुणाचल प्रदेश के लिए उपयोग करता है.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, जंगनान क्षेत्र में सार्वजनिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले 30 अतिरिक्त स्थानों के नाम आधिकारिक तौर पर सामने आए हैं. चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने 2017 में जंगनान में छह स्थानों के तथाकथित मानकीकृत नामों की पहली सूची जारी की, जबकि 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई और उसके बाद 2023 में 11 स्थानों के नामों के साथ एक और सूची जारी की गई.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 मई, 2024 से प्रभावी होने के लिए कार्यान्वयन के उपाय अनुच्छेद 13 में निर्धारित हैं कि विदेशी भाषाओं में ऐसे नाम रखें जो चीन के क्षेत्रीय दावों और संप्रभुता अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्हें प्राधिकरण के बिना सीधे उद्धृत या अनुवादित नहीं किया जाएगा.