आगरा: देश और प्रदेश में आलू के किसानों के दिन बहुरेंगे. बीते साल ही यूपी के आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू की शाखा खोलने की हरी झंडी मिल गई थी. जो दक्षिण एशियाई देशों में एकमात्र शाखा है. लंबे समय से चली आ रही आलू किसान की मांग पर अब आगरा दिल्ली हाईवे पर गांव सींगना में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र बन रहा है. जिसके लिए हाल में ही उद्यान विभाग ने करीब दस हेक्टेयर जमीन कृषि मंत्रालय को हस्तांतरित कर दी गई है.
इस जमीन पर ही अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू की मदद से 120 करोड़ रुपये की लागत से आलू अनुसंधान केंद्र बनाया जाएगा. जहां पर वैज्ञानिक आलू की नई प्रजातियों के साथ प्रोसेसिंग लायक आलू के बीज तैयार किए जाएंगे. नई प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों के विकास पर काम किया जाएगा. इसके साथ ही देश में वृहद एवं लघु स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित होगी.
आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र (आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र) बता दें कि, यूपी में आगरा, मथुरा, एटा, फिरोजाबाद, अलीगढ, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है. आगरा की बात करें तो यूपी का 27 प्रतिशत आलू आगरा में ही पैदा होता है. क्योंकि, आगरा की जलवायु और मिट्टी आलू उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त है. इसलिए, आगरा और आसपास जिलों के किसानों लंबे समय से आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू की एक शाखा खोलने की मांग कर रहे थे.
यूपी में 7 लाख हेक्टेयर तो आगरा में 1.65 लाख हेक्टेयर में आलू की खेती:उत्तर प्रदेश की बात करें तो प्रदेश में करीब 7 लाख हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती होती है. यूपी के आलू उत्पादन में सबसे आगे आगरा में खंदौली, शमशाबाद, एत्मादपुर, फतेहाबाद, किरावली क्षेत्र में आलू की फसल बड़े पैमाने पर होती है. जिले में करीब 1.65 लाख हेक्टेयर में आलू का उत्पादन होता है.
आगरा में करीब 50 लाख मीट्रिक टन आलू का सालाना उत्पादन होता है. इसके लिए हर साल 7 लाख मीट्रिक टन आलू बीज की जरूरत पड़ती है. आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा से आलू किसानों को उन्नत किस्म का बीज मिलेगा. जिसमें आलू प्रोसेसिंग और चिप्स बनाने वाले आलू की प्रजाति भी शामिल होगीं.
आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र खुलेगा (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत) पीएम मोदी तक पहुंचा था मामला: आगरा में पेरू के अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा गांव सींगना में खोलने को लेकर 24 दिसंबर 2020 को किसानों ने शासन को पत्र लिखा था. दो मई 2023 को अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र पेरू के प्रतिनिधि, कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के अधिकारी ने सींगना का निरीक्षण किया था.
निरीक्षण रिपोर्ट में टीम ने केंद्र स्थापना की सहमति जताई थी. इस पर फतेहपुर सीकरी से भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने पीएम मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात की. सीएम योगी ने भी आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा खोले के लिए मजबूत पैरवी की थी.
कृषि मंत्रालय को जमीन ट्रांसफर की: आगरा में उपनिदेशक उद्यान डॉ. धर्मपाल यादव ने बताया कि, आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा गांव सींगना में खुलेगी. अनुसंधान आलू केंद्र और वैज्ञानिक की टीमें भी यहां पर आ चुकी हैं. आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा के लिए जमीन का हस्तांतरण किया जा चुका है. इसमें मंत्रालय स्तर पर काम किया जा रहा है.
आलू बीज की कॉस्ट कम आएगी, आमदनी अधिक होगी: इंटरनेशनल पटैटो सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. मोहिंदर सिंह कादियान ने बताया कि, इंटरनेशन पटैटो सेंटर की आगरा शाखा में ज्यादा से ज्यादा हैडक्वाटर पेरू के लीमा से जर्म प्लाजम लाया जाएगा. इस जर्म प्लाजम यानी आलू की नई वैरायटी से किसान भाइयों को अच्छी पैदावार मिलेगी. देश में 65 दिन में आलू की तैयार होगी.
इससे कम समय में किसानों को आलू की फसल का बेहतर भाव मिलेगा. ज्यादा से आमदनी होगी. आगरा में भी औषधीय गुणों से युक्त एवं रंगीन आलू का उत्पादन किया जाएगा. आगरा में बेहतरीन लैब बनने से आलू बीज तैयार करने की नई टेक्नोलाॅजी आएगी. जिसकी आलू बीज की काॅस्ट भी कम होगी. मगर, आलू किसानों की आमदनी अधिक होगी.
चीन को पीछे छोड़ देगा आगरा का आलू:अभी अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की दक्षिण एशिया में कोई अनुसंधान शाखा नहीं है. इसका एक केंद्र चीन में है. इससे चीन विश्व का सबसे बड़ा आलू उत्पादक और निर्यातक देश है. क्योंकि, यहां निर्यात योग्य आलू प्रजातियों को चीन की परिस्थितियों के अनुकूल विकसित किया जाता है.
आगरा से आलू का निर्यात:दुबई, कतर, मलेशिया, सउदी अरब, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश.
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