नई दिल्ली: भारत सरकार ने हाल ही में अमेरिकी कंपनी सिग सॉयर (SIG SAUER) से अतिरिक्त 73,000 सिग सॉयर असॉल्ट राइफल का ऑर्डर देकर बड़ा रक्षा अधिग्रहण किया है. इस सप्ताह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अमेरिका की यात्रा से लौटने के ठीक बाद असॉल्ट राइफल खरीदने की डील की घोषणा की गई. भारत ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब चीन के साथ तनाव बढ़ रहा है और रूसी AK-203 कलाश्निकोव राइफल (AK-203 Kalashnikov Rifles) के घरेलू स्तर पर उत्पादन में देरी हो रही है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सौदा अहम है. उन्होंने हथियारों की खरीद के स्रोतों (देशों) में विविधता लाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए सिर्फ एक देश पर निर्भर नहीं रहना चाहता. आगा ने भारत के रक्षा उद्योग की चुनौतियों और इस क्षमता की राइफलों का घरेलू स्तर पर निर्माण करने में असमर्थता पर प्रकाश डाला.
कमर आगा ने विदेशी संबंधों में संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और अमेरिका के साथ संबंध विकसित करते हुए रूस के साथ अपनी दीर्घकालिक साझेदारी जारी रखने की भारत की इच्छा व्यक्त की. इसके अलावा, आगा ने अमेरिका और रूस के साथ भारत के रिश्तों की जटिलताओं का जिक्र किया और अमेरिकी रुख 'या तो हमारे साथ या हमारे खिलाफ' का उल्लेख किया. उन्होंने भारत की आर्थिक क्षमता और इसके बड़े बाजार तथा सस्ते श्रम के कारण विभिन्न देशों के लिए इसके आकर्षण पर भी जोर दिया.
इसके अलावा, आगा ने संभावित रूप से चल रही पर्दे के पीछे की कूटनीति का उल्लेख किया क्योंकि भारत यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान में मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहता है. उन्होंने वैश्विक कूटनीति में पश्चिम एशिया के महत्व और क्षेत्र में आगे की वृद्धि से बचने के महत्व पर भी ध्यान खींचा.
संतुलित संबंध बनाए रखने के भारत के प्रयासों को और भी उजागर किया गया, क्योंकि यूक्रेन से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलिफोन पर बातचीत की और वैश्विक मामलों में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार के रूप में भारत की भूमिका को रेखांकित किया. साथ ही अपने राष्ट्रीय हितों को भी साधा.