नई दिल्ली: देश में अगले साल से जनगणना शुरू होगी, जिसके आंकड़े साल 2026 में जारी किए जा सकते हैं. यह जनगणना ऐसे समय में होने जा रही है, जब भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है. जनसंख्या के मामले में भारत ने पहले ही चीन को पीछे छोड़ दिया है.
इस बार की जनगणना में संप्रदाय को लेकर भी सवाल किए जाने के आसार हैं. ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी दलों द्वारा जातिगत जनगणना की मांग के बीच सरकार लोगों से उनके संप्रदाय से जुड़ी जानकारी भी जुटा सकती है. बता दें कि अब तक की जनगणना में लोगों से केवल उनके धर्म और वर्ग के बारे में ही पूछा जाता रहा है. इसके अलावा SC, ST और जनरल कैटेगरी की गणना होती थी.
हालांकि, इस बार यह भी सवाल किया जा सकता है कि लोग किस संप्रदाय के मानने वाले हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई शख्स इस्लाम को मानने वाला है तो उसे यह भी बताना होगा कि वह शिया है या सुन्नी. इसी तरह जातियों में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य जैसे समूह शामिल हैं. फिलहाल केंद्र सरकार धर्म और वर्ग के साथ-साथ संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना की मांग पर विचाचर कर रही है.
डिजिटली जुटाए जाएंगे आंकड़े
जानकारी के मुताबिक सरकार जनगणना के लिए डिजिटल मैथड इस्तेमाल कर सकती है. अगर ऐसा होता है कि तो देश में पहली बार होगा कि जनगणना के आंकड़े डिजिटली तरीके से जुटाए जाएंगे. इसके लिए एक खास तरीके का पोर्टल बनाया गया है.
उल्लेखनीय है कि कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने संप्रदाय के आधार पर जनगणना कराए जाने की मांग की थी. ऐसा माना जा रहा है कि संप्रदाय के आंकड़े ज्यादा सही पॉलिसी बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं. बता दें जनगणना में संप्रदाय का मतलब है कि वह शख्स किस धार्मिक और सांस्कृतिक समूह से संबंध रखता है.