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स्वतंत्रता दिवस विशेष: महाराष्ट्र की ममता ठाकुर को बुलाया गया दिल्ली, समारोह के लिए मिला विशेष निमंत्रण - Independence Day Special

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 14, 2024, 7:47 PM IST

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस साल विशेष अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के अमरावती की रहने वाली ममता ठाकुर को बुलाया गया है. ममता जिले के करला गाव की रहने वाली हैं, जिन्हें क्षेत्र में शराबबंदी से लेकर कृषि तक में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके चलते उन्हें राज्य स्तर पर भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है.

INDEPENDENCE DAY SPECIAL
ममता ठाकुर को स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए मिला विशेष निमंत्रण (फोटो - ETV Bharat Maharashtra)

अमरावती: स्वतंत्रता दिवस समारोह में बस कुछ ही घंटे बचे हैं. लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. हर साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर राष्ट्र को संबोधित करेंगे. अमरावती जिले के छोटे से गांव करला की ममता प्रमोद ठाकुर को इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि बनने का गौरव प्राप्त हुआ है.

शराबबंदी से लेकर कृषि क्रांति तक का सफर तय करने वाली ममता ठाकुर की उपलब्धियों पर केंद्र सरकार ने सीधे तौर पर ध्यान दिया. अब उन्हें स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित होने का गौरव प्राप्त हुआ है. पूरे गांव ने इस बात पर गर्व जताया है कि एक छोटा सा गांव दिल्ली में महिला स्वतंत्रता दिवस समारोह में मौजूद रहेगा.

ममता ठाकुर अपने पति प्रमोद ठाकुर के साथ बुधवार सुबह विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुईं. ममता ठाकुर के सफल सफर के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने उनसे बात की. ममता ठाकुर को कई सालों तक यह लगता रहा कि चूल्हा-चौका और बच्चे के अलावा उनके लिए कुछ और नहीं है, लेकिन उन्हें अपने परिवार से घर छोड़ने की प्रेरणा मिली.

इसी प्रेरणा से ममता ने गांव में शराबबंदी की पहल की. उन्होंने घर में ही खेती की जिम्मेदारी भी संभाली. वे अपने खेतों में कम लागत में अच्छी फसल उगा रही हैं और उनके खेतों से निकलने वाली तूरदाल सीधे मुंबई पहुंचता है. उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कई महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल भी की. उन्हें अब तक राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

केंद्र सरकार की ओर से ममता ठाकुर द्वारा कृषि क्षेत्र में योगदान और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों का संज्ञान लिया गया है. उन्हें 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था.

दिल्ली के एक तीन सितारा होटल में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है. ममता ठाकुर ने कहा कि "मेरे जैसी साधारण महिला के लिए इस कार्यक्रम में शामिल होना वाकई खुशी का पल है." कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली ममता ठाकुर को 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' का विशेष लाभ मिला है.

इस योजना के कारण खेती के लिए विशेष दशपर्णी तैयार की जाती है और उन खेतों में बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाली अरहर, मिर्च, धनिया, गेहूं और ज्वार जैसी फसलें पैदा होती हैं. इसके लिए उन्होंने किसी भी तरह की रासायनिक दवा का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने खेत में अपने घर में तैयार दशपर्णी का अर्क इस्तेमाल किया. इसके साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को सिलाई का काम भी सिखाया.

ममता ठाकुर ने शेतरूपा सफ़ात समूह के ज़रिए अपने साथ-साथ गांव की कई महिलाओं की तरक्की दिखाई. उनके काम को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से उन्हें 'हिरकणी' पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जबकि घर के अलावा बाहरी दुनिया को बिल्कुल नहीं जानती थीं, घाटखेड में संत ज्ञानेश्वर कृषि विज्ञान केंद्र की गृह विज्ञान विशेषज्ञ.

2007-08 से प्रणिता ने गांव की महिलाओं को कृषि क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरक कार्यक्रम लागू किए हैं. इसके ज़रिए गांव की कई महिलाएं एक साथ आईं. महिलाओं ने घाटखेड स्थित संत ज्ञानेश्वर कृषि विज्ञान केंद्र का दौरा किया. यह दौरा उनके जीवन में एक सकारात्मक मोड़ साबित हुआ.

ईटीवी भारत के बात करते हुए ममता ठाकुर ने कहा कि "घाटखेड स्थित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा दिए गए मार्गदर्शन और डॉ. प्रणिता के सहयोग ने मुझे जीवन के प्रति नया नजरिया दिया. मैंने खेती की पूरी जिम्मेदारी खुद संभाली. इसमें पति का अहम सहयोग रहा. आज घर पर ही गुणवत्तापूर्ण खेती के साथ-साथ गौपालन, गोबर उत्पादन, गोबर से गैस बनाने का काम हो रहा है. इससे मुझे तरक्की की नई राह मिली."

ममता ठाकुर के चेहरे पर आत्मविश्वास साफ झलक रहा था. उन्होंने खेत से बड़ी मात्रा में तूर की फसल को बाजार में बेचने के बजाय उसे प्रोसेस करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने एक खास मशीन भी खरीदी. उन्हें काफी अच्छा पारिश्रमिक मिलने लगा. 2016 में मुंबई में आयोजित 'महालक्ष्मी सरस मेला' में ममता ठाकुर के नेतृत्व में 'शत्रुपा महिला सहकार समूह' ने हिस्सा लिया था.

इस अवसर पर इस स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित तूरदाल, तिखट, धनिया पाउडर आदि कृषि सामग्री की बिक्री को भारी प्रतिसाद मिला. ममता ठाकुर के नेतृत्व में 'शतरूपा भट्ट गाटा' की विकासात्मक प्रगति को देखते हुए कृषि विभाग की ओर से 2020 में 'चांदुर रेलवे महिला किसान उत्पादक कंपनी' की स्थापना की गई.

ममता ठाकुर को सर्वसम्मति से इस कंपनी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इस कंपनी को चांदुर रेलवे में एक कृषि केंद्र मिला जो तालुका का स्थान है. सभी महिलाओं ने इस कृषि केंद्र का काम बहुत ही सुनियोजित तरीके से संभाला. इससे कृषि केंद्र ने इस साल 50 लाख रुपए का कारोबार किया. पिछले साल महिला स्व-सहायता समूह ने कुल 33 क्विंटल तूर खरीदी थी. इससे उन्हें प्रति क्विंटल 2000 का मुनाफा हुआ और सभी महिलाएं खुश थीं.

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