हैदराबाद: ड्रग तस्करी पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हैदराबाद एंटी-नारकोटिक्स विंग (HNW) और साउथवेस्ट जोन पुलिस ने दिल्ली से संचालित एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया. इस दौरान अधिकारियों ने 1.6 करोड़ रुपये मूल्य की 1300 ग्राम MDMA जब्त की और अलग-अलग मामलों में तीन नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया.
चूंकि उनके वीजा और पासपोर्ट की अवधि समाप्त हो चुकी थी. इसलिए पुलिस ने उनके खिलाफ निर्वासन की कार्यवाही शुरू कर दी है. साउथवेस्ट डीसीपी चंद्रमोहन और एचएनडब्ल्यू डीसीपी वाईवीएस सुधींद्र ने बुधवार को मामले का ब्योरा दिया.
जांच में पता चला कि ड्रग सिंडिकेट नियमित रूप से कानून प्रवर्तन से बचने के लिए एक नाइजीरियाई महिला का इस्तेमाल करके हैदराबाद में एमडीएमए की तस्करी करता था.
2009 में भारत आया आरोपी
मामले का मुख्य आरोपी ओलिवर ओगुचुकू उर्फ जॉनसन ड्रग माफिया है. वह 2009 में बिजनेस वीजा पर नाइजीरिया से दिल्ली आया और शुरू में कॉस्मेटिक्स और कपड़ों का कारोबार किया. वह बाद में अन्य नाइजीरियाई नागरिकों के साथ ड्रग तस्करी में शामिल हो गया.
उसे 2013 में दिल्ली में हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया और पांच साल और नौ महीने जेल में बिताए. रिहा होने के बाद उसने MDMA खरीदना शुरू कर दिया और इसे मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में बेचना शुरू कर दिया.
इस तरह उसवे लाखों रुपये जमा किए. इस दौरान उसने तीन शादियां कीं और 5-6 गर्लफ्रेंड बनाईं. पकड़े जाने से बचने के लिए उसने हर महीने देश में MDMA लाने के लिए एक नाइजीरियाई महिला का इस्तेमाल किया. उसे हैदराबाद में एक गुप्त सूचना के बाद पकड़ा गया. पुलिस ने उसके पास से 1,300 ग्राम एमडीएमए जब्त किया.
ड्रग्स का अवैध डीलर
एक अन्य आरोपी ओगुचुकु सिल्वेस्टर 2012 में बिजनेस वीजा पर मुंबई आया और गारमेंट का कारोबार शुरू किया. 2019 में वीजा खत्म होने के बाद मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और दो साल जेल में बिताए. रिहा होने के बाद वह ड्रग के धंधे में शामिल हो गया और हाल ही में हैदराबाद में सप्लायरों से बातचीत कर रहा था, तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
ड्रग किंगपिन मौसा कैमारा उर्फ रोमियो
मौसा 2017 में मेडिकल वीजा पर भारत आया. उसे 2020 में नाइजीरिया वापस जाने की कोशिश करते समय मुंबई में कोकीन के साथ गिरफ्तार किया. वह छह महीने जेल में रहा. रिहा होने के बाद उसने बेंगलुरु में एक ड्रग नेटवर्क स्थापित किया, जो बिचौलियों के माध्यम से हैदराबाद को नशीले पदार्थों की सप्लाई करता था.
अक्टूबर 2023 में सूडानी नागरिक अब्दुल रहमान उस्मान के माध्यम से हैदराबाद में ड्रग्स की सप्लाई की, जिसे बाद में हुमायूंनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हाल ही में 'डेड-ड्रॉप' ड्रग डिलीवरी करने के लिए हैदराबाद लौटा, लेकिन उसे ट्रैक कर लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया.
चल रही जांच और कानूनी कार्रवाई
अधिकारी ड्रग सिंडिकेट के व्यापक कनेक्शन की जांच कर रहे हैं और गिरफ्तार संदिग्धों को निर्वासित करने पर काम कर रहे हैं. पुलिस ने जनता से ड्रग से संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट करने का आग्रह किया है और वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों पर निगरानी बढ़ा दी है.
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