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हैदराबाद में दफ्तरों की बढ़ रही डिमांड, 2030 तक 200 मिलियन वर्ग फुट का रिकॉर्ड पार करने की उम्मीद - CBRE SOUTH ASIA REPORT

अनुमान है कि हैदराबाद में 2030 तक कार्यालय स्थान 200 मिलियन वर्ग फुट से अधिक हो जाएगा. क्यों बढ़ रही है यह मांग, पढ़िये.

Hyderabad Hub for Office Space
सांकेतिक तस्वीर. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 12, 2025, 3:59 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद तेजी से ऑफिस स्पेस के लिए एक प्रमुख केंद्र बन रहा है. सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड और हैदराबाद सॉफ्टवेयर एंटरप्राइजेज एसोसिएशन (HYSEA) द्वारा जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. अनुमान के अनुसार, शहर का ऑफिस स्पेस 2030 तक 200 मिलियन वर्ग फीट से अधिक होने की संभावना है.

'HYSEA स्केल @ हैदराबाद: ग्लोबल टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में, शहर का कार्यालय स्थान भारत के प्रमुख शहरों में उपलब्ध कुल कार्यालय स्थान का लगभग 15 प्रतिशत है. देश के हरित-प्रमाणित कार्यालयों में 18 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है. रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि का श्रेय घरेलू और विदेशी दोनों कंपनियों की ओर से कार्यालय स्थान की बढ़ती मांग को दिया गया है. पिछले एक दशक में, शहर में कार्यालय स्थान के निर्माण और उपलब्धता में तीन गुना वृद्धि हुई है.

सीबीआरई इंडिया के चेयरमैन और सीईओ अंशुमान मैगजीन ने कहा, "हैदराबाद का वैश्विक व्यापार और प्रौद्योगिकी केंद्र में तब्दील होना, बाजार की मांग के साथ विकास करने की इसकी क्षमता को दर्शाता है. शहर बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा) और जीवन विज्ञान कंपनियों के लिए एक अनुकूल गंतव्य बन गया है, जिससे कार्यालय स्थान की मांग में और वृद्धि हुई है. हैदराबाद का मजबूत बुनियादी ढांचा इसे भारत के रियल एस्टेट परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण विकास केंद्र के रूप में स्थापित करते हैं."

क्यों हो रहा है विकासः सीबीआरई इंडिया के सलाहकार और लेनदेन सेवाओं के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक गिप्सन पॉल ने कहा कि हैदराबाद का रियल का तेजी से विकास हो रहा है. पॉल ने कहा कि डेवलपर्स तेजी से हरित स्थानों को एकीकृत कर रहे हैं और सक्रिय सरकारी नीतियों और प्रोत्साहनों से प्रेरित होकर पर्यावरण के प्रति जागरूक उपाय अपना रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने से विकास को और बढ़ावा मिला है.

मांग बढ़ी हैः 2024 में मांग 1.23 करोड़ वर्ग फीट तक पहुंच गयी, जिसमें 31 प्रतिशत मांग प्रौद्योगिकी कंपनियों से आ रही थी. हाल ही में तकनीकी कंपनियों की हिस्सेदारी थोड़ी कम हुई है, क्योंकि अन्य क्षेत्रों के व्यवसायों ने कार्यालय स्थान किराए पर लेने में बढ़ती रुचि दिखाई है. ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, पिछले साल किराए पर लिए गए ऑफिस स्पेस का 43% हिस्सा इन्हीं का था. पिछले साल, जीसीसी ने हैदराबाद में 5.3 मिलियन वर्ग फीट ऑफिस स्पेस लीज पर लिया था.

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