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कपड़े पर दर्जी का टैग और UPI पेमेंट से सुलझी मर्डर की गुत्थी, 'बाबू' समेत 3 लोग कैसे चढ़े पुलिस के हत्थे ? जानें - MURDER MYSTERY OF WOMAN

13 दिसंबर को काठजोड़ी नदी के तट पर पुलिस को एक महिला का शव मिला था. मामले में अब 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

पुलिस ने हत्या के आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने हत्या के आरोपियों को किया गिरफ्तार (सांकेतिक तस्वीर)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 5 hours ago

भुवनेशवर: ओडिशा पुलिस ने फिल्मी अंदाज ने एक महिला की हत्या की गुत्थी सुलझाई और तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. हाल ही में पुलिस ने कटक के काठजोड़ी नदी के तट पर एक 35 वर्षीय महिला का शव बरामद किया था. घटनास्थल से पुलिस को एक शर्ट मिली थी, जिसने पुलिस को अपराधी तक पहुंचाया.

इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि अपराध स्थल के पास मिली खून से सनी शर्ट पर दर्जी का टैग मिला था, जिसकी मदद ले ओडिशा पुलिस को एक रहस्यमय हत्या के मामले को सुलझाने और तीन लोगों को गिरफ्तार करने में मदद मिली.

न कोई शिकायत दर्ज और न कोई सुराग
पुलिस ने 13 दिसंबर को कंदरपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाली काठजोड़ी नदी के तट पर एक 35 वर्षीय महिला का शव मिला था. मृतक की पहचान नहीं हो सकी और राज्य के किसी भी पुलिस स्टेशन में किसी ने कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई थी.पुलिस के पास अपराधियों को पकड़ने के लिए हत्या में इस्तेमाल हुए चॉपर के अलावा कोई सुराग नहीं था.

कपड़ों पर मिला दर्जी का टैग
कटक के डीसीपी जगमोहन मीना ने कहा कि पुलिस के लिए इस मामले को सुलझाना एक बड़ी चुनौती थी. मीना ने कहा कि हालांकि मृतक महिला के दोनों हाथों पर टैटू पाए गए, लेकिन वे उसकी पहचान में मदद नहीं कर सके. वहीं, पुलिस को घटनास्थल के पास खून से सना एक शर्ट और पैंट मिली. दोनों कपड़ों पर 'न्यू स्टार टेलर्स' का टैग लगा हुआ था.

अपराधियों को ढूंढने के लिए पुलिस ने इस सुराग पर ध्यान केंद्रित किया. इसके बाद ओडिशा में इस नाम या इसके मिलते-जुलते नाम वाले करीब 10 दर्जियों की जांच की गई और उनके टैग के डिजाइन की तुलना मौके पर मिले शर्ट और पैंट के टैग से की गई. हालांकि, कोई मिलान नहीं मिला.

इस बीच गंजम जिले के एक दर्जी ने बताया कि गुजरात में इस तरह के टैग का इस्तेमाल किया जा रहा है," मीना ने कहा कि सूचना मिलने के बाद गुजरात पुलिस से संपर्क किया गया और उन्हें सूरत में ऐसा ही एक दर्जी मिला. दर्जी के टैग पर '3833' नंबर था, जिसका मिलान किया गया और तलाशी लेने पर पता चला कि शर्ट 'बाबू' नाम के एक व्यक्ति के लिए सिली गई थी.

UPI से पेमेंट
इसके अलावा पुलिस से पास कोई अन्य जानकारी नहीं थी. हालांकि, दर्जी ने एक महत्वपूर्ण सुराग दिया कि उसे ग्राहक 'बाबू' को 100 रुपये वापस करने थे, लेकिन उसके पास खुले पैसे नहीं थे. इसलिए, उसने एक मोबाइल नंबर के ई-वॉलेट में 100 रुपये ट्रांसफर कर दिए. उस नंबर से संपर्क किया गया और पाया गया कि वह 'बाबू' का दोस्त है.

डीसीपी ने बताया कि इस तरह पुलिस को'बाबू'' के बारे में जानकारी मिली. वह केंद्रपाड़ा का निवासी जगन्नाथ दुहुरी उर्फ ​​बाबू उर्फ ​​बापी निकला. पता चला कि वह (बाबू) ट्रेन से सूरत वापस जा रहा था. ट्रेन रायगडा से गुजर रही थी, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया गया."

विवाहेतर संबंध के शक में हत्या
आगे की जांच और पूछताछ में पता चला कि वह मृतका का देवर था. उसने यह भी खुलासा किया कि उसने अपने भाई बलराम दुहुरी और चचेरे भाई हापी दुहुरी की मदद से अपराध किया. पुलिस ने कहा कि तीनों को पकड़ लिया गया है. बलराम दुहुरी मृतक महिला का पति था. डीसीपी ने कहा, "अपराध का मकसद मृतका और उसके पति के बीच पुराना वैवाहिक विवाद है. बलराम को शक था कि मृतका का किसी के साथ विवाहेतर संबंध है."

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