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बंसीलाल परिवार 47 साल में पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान से बाहर, गढ़ में भी खत्म हुआ दबदबा - Bansi Lal Family Lok Sabha Election

Bansi Lal Family Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 बंसीलाल परिवार के राजनीतिक इतिहास में एक खास तारीख बन गया है. पिछले 47 साल में ये पहला ऐसा चुनाव है जब बंसीलाल परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा चुनाव के मैदान में नहीं है और पूरी तरह बाहर है. भिवानी लोकसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आने से लेकर आज तक बंसीलाल परिवार का दबदबा रहा है.

Bansi Lal Family Lok Sabha Election
श्रुति चौधरी, बंसीलाल, सुरेंदर सिंह और किरण चौधरी. (फोटो डिजाइन- ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 13, 2024, 9:06 PM IST

Updated : May 14, 2024, 3:06 PM IST

चंडीगढ़:किसी जमाने में हरियाणा के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार रहे पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल (Bansi Lal) का परिवार इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. भिवानी लोकसभा सीट बनने से लेकर आज तक इस सीट पर बंसीलाल परिवार का दबदबा रहा है. उनका परिवार खुद चुनाव लड़ा या फिर लड़वाता रहा है. लेकिन श्रुति चौधरी का टिकट कटने के बाद 47 साल में पहली बार बंसीलाल का परिवार लोकसभा की चुनावी जंग से बाहर है.

1977 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े बंसीलाल

भिवानी लोकसभा सीट (Bhiwani Lok Sabha Seat) 1977 में अस्तित्व में आई थी. आपातकाल के बीच पहली बार 1977 में भिवानी लोकसभा सीट पर चुनाव हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े. जेपी आंदोलन की आंधी और आपातकाल में जनता की नाराजगी के चलते पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस बुरी तरह हार गई. बंसीलील भी अपना पहला लोकसभा चुनाव जनता पार्टी की चंद्रावती से हार गये. चंद्रावती चुनाव जीतकर हरियाणा की पहली महिला लोकसभा सांसद बनीं.

1991 से 2004 तक बंसीलाल की पार्टी ने चुनाव लड़ा

1977 से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक बंसीलाल की तीन पीढियां चुनाव लड़ चुकी हैं. इन 47 सालों में बंसीलाल परिवार चुनावी मैदान में जरूर रहा है. 2024 लोकसभा चुनाव बंसीलाल परिवार के लिए पहला मौका है, जब उनके परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है. हलांकि इससे पहले 1991 लोकसभा चुनाव में उनके परिवार से सीधे कोई चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी हरियाणा विकासी पार्टी के उम्मीदवार उतारे थे. 1991 में भिवानी सीट से हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर जंगबीर सांसद बने थे.

भिवानी सीट पर 7 बार बंसीलाल का परिवार सांसद बना

भिवानी लोकसभा सीट से 1980 में बंसीलाल पहली बार सांसद बने. इसके बाद 1984 और 1989 में भी बंसीलाल चुनाव जीते. 1991 में उनकी पार्टी के जंगबीर सांसद बने. 1996 और 1998 में भिवानी से बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंदर सिंह सांसद बने. 1999 और 2004 में सुरेंद्र हार गये. लेकिन 2009 में यहां से सुरेंदर सिंह की बेटी और बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी सांसद बनी.

लोकसभा चुनाव में बंसीलाल परिवार (1977 से अब तक)
1977-पहली बार बंसीलाल लोकसभा चुनाव लड़े. जनता पार्टी की चंद्रावती से हार गये
1980- पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की
1984- बंसीलाल एक बार फिर भिवानी सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने
1989- बंसीलाल लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते
1991- बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर जंगबीर सिंह सांसद बने
1996- हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर 1996 में बंसीलाल के बेट सुरेंद्र सिंह भिवानी से सांसद बने
1998- सुरेंद्र सिंह दोबारा हरियाणा विकास पार्टी से चुनाव जीतकर सांसद बने
1999- बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र हार गये और तीसरे नंबर पर रहे. इनेलो के अजय चौटाला चुनाव जीते
2004- कुलदीप बिश्नोई जीते. इस चुनाव में बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र दूसरे नंबर पर रहे और अजय चौटाला तीसरे
2009- बंसीलाल की पोती और सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनीं. अजय चौटाला को हराया
2014- बीजेपी से धर्मबीर सिंह जीते. बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को हराया
2019- बीजेपी के टिकट पर धर्मबीर जीते. श्रुति चौधरी चुनाव हार गईं
2024- बंसीलाल परिवार का कोई सदस्य चुनावी मैदान में नहीं है

2024 में श्रुति चौधरी थीं टिकट की दावेदार

बंसीलाल की पोती और सुरेंदर सिंह की बेटी श्रुति चौधरी इस बार भी कांग्रेस से टिकट की दावेदार थीं. लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनकी जगह महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को उम्मीदवार बना दिया. श्रुति चौधरी 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ीं थीं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

हरियाणा में 25 मई को मतदान

हरियाणा में लोकसभा की कुल 10 सीटें हैं. सभी सीट पर 25 मई (शनिवार) को मतदान है. 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी सभी सीटें जीतने का दावा कर रही है. हलांकि राजनीति के जानकार कहते हैं इस बार बीजेपी के लिए हरियाणा की सभी सीटों पर जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा.

बंसीलाल परिवार के प्रमुख नेता

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री, देश के रक्षा मंत्री और रेल मंत्री रह चुके बंसीलाल और उनके परिवार का कई दशक से हरियाणा की राजनीति में दबदबा है. बंसीलाल के दो बेटे हैं. बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा हैं और छोटे बेटे का नाम सुरेंदर सिंह. सुरेंदर सिंह की 2005 में प्लेन क्रैश में मौत हो गई, उस समय वो भूपेंद्र हुड्डा की पहली सरकार में कृषि मंत्री थे. सुरेंदर विधायक और सांसद रह चुके हैं. बंसीलाल ने अपनी विरासत सुरेंदर सिंह को ही सौंपी थी. सुरेंदर की मौत के बाद उनकी पत्नी किरण चौधरी विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. किरण हरियाणा विधानसभा की सदस्य हैं और पूर्व मंत्री भी. किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भी राजनीति में उतरीं. 2009 में वो भिवानी से सांसद बनीं.

वहीं बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा हरियाणा विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. रणबीर ने कई चुनाव लड़ा लेकिन ज्यादातर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 1998 के लोकसभा चुनाव में वो भिवानी सीट पर अपने छोटे भाई सुरेंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लड़े लेकिन हार गये. रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध फिलहाल राजनीति से दूर हैं. अनिरुद्ध भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर समेत बीसीसीआई में कई पदों पर रह चुके हैं.

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Last Updated : May 14, 2024, 3:06 PM IST

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