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कर्नाटक में हल्लीकर नस्ल के इस बैल की कीमत है 1 करोड़ रुपये, डाइट जानकर हो जाएंगे हैरान - कर्नाटक में सत्तूर मेला

Hallikar breed bulls, Hallikar breed bulls in Karnataka, कर्नाटक के मैसूर में आयोजित सत्तूर मेले में एक हल्लीकर नस्ल के बैल ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है. इस बैल का नाम कृष्णा है, जिसे लोगों को प्रदर्शित किया जा रहा है. लोग इस बैल की कद-काठी से काफी ज्यादा प्रभावित हैं और बहुत से लोग इसे खरीदना चाहते हैं.

Hallikar breed bull Krishna
हल्लीकर नस्ल का बैल कृष्णा

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 12, 2024, 7:16 PM IST

मैसूर: कर्नाटक में मैसूर के सुत्तूर मठ में लगे सत्तूर मेले में हल्लीकर नस्ल का बैल 'कृष्णा' हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. कृष्णा बैल के वीर्य की भी भारी मांग है. बैल के मालिक बोरेगौड़ा ने ईटीवी भारत से कृष्णा बैल की विशेष विशेषताओं के बारे में बात की. मांड्या जिले के मालवल्ली के रहने वाले बोरेगौड़ा इस हल्लीकर बैल कृष्णा को पाल रहे हैं.

कृष्णा जिस भी मेले में जाता है, अपने गठीले शरीर और अनोखे अंदाज से सभी को आकर्षित कर लेता है. बैल के मालिक बोरेगौड़ा ने कहा कि 'हल्लीकर नस्ल के इस बैल का जन्म अंजनापुरा, रामनगर में हुआ था. वहां इसका नाम कृष्णा रखा गया. जब यह दो महीने का हो गया, तो उन्होंने गाय और बछड़ा दोनों को मांड्या के एक किसान को बेच दिया.'

आगे उन्होंने कहा कि 'बाद में मुथप्पा राय ने इसे मांड्या के एक किसान से खरीद लिया. तब कृष्णा तीन महीने का था. जब यह वहां था, तो लगभग एक सप्ताह हो गया था. वहां से हमने इसे 2.75 लाख रुपये में खरीदा. अब चार-पांच साल हो गए हैं, इसे लाए हुए. इस बैल के लिए काफी बड़ी रकम ऑफर की गई है. लेकिन मैंने इसे बेचा नहीं है.'

बोरेगौड़ा ने कहा कि 'मेरी इच्छा और लक्ष्य इस बैल को लिम्का रिकॉर्ड, गिनीज रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करना है. मैं उस दिशा में प्रयास कर रहा हूं. इस बैल को कई लोगों ने 6 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक में खरीदने का ऑफर मुझे दिया. इसके मरने के बाद मैं इसके लिए एक मंदिर बनवाऊंगा.'

हल्लीकर नस्ल का बैल कृष्णा

बैल की खासियतें:बोरेगौड़ा ने कृष्णा बैल के बारे में बताते हुए कहा कि '6 साल का यह कृष्णा सामान्य बैलों से लंबा है. लगभग 6 फीट ऊंचा और 9 फीट से अधिक लंबा है. इसका वजन 900 से 1,000 किलोग्राम है. वह किसी भी मेले में जाता है और प्रथम पुरस्कार जीते बिना वापस नहीं आता. इसने मांड्या डिवीजन में 'अपराजित नेता' नाम अर्जित किया.'

उन्होंने कहा कि 'बुल की लोकप्रियता के कारण मैं जहां भी जाता हूं लोग मुझे पहचान लेते हैं. अगर मैं तमिलनाडु भी जाता हूं तो कई लोग मेरे पास आते हैं और मुझे कृष्णा बैल का मालिक कहकर बात करते हैं. हल्लीकर कृष्णा नाम के दो-तीन व्हाट्सएप ग्रुप हैं. फैन्स ने सोशल मीडिया पर 'अनडिफीडेड सारदरा हल्लीकर कृष्णा' नाम से ग्रुप बनाया है, जिसमें 12 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.'

दिया जाता है खास खाना: कृष्णा को प्रतिदिन विशेष भोजन दिया जाता है, जिसका उपयोग केवल नस्ल विकास के लिए किया जाता है. चारे के साथ, घोड़ा मसाला, मेथी, हरी पत्तेदार सब्जियां, धान का भूसा, बाजरा का भूसा, मकई की भूसी, सूजी, बीज, गेहूं की भूसी, चक्के की भूसी जैसे विशेष खाद्य पदार्थ कृष्णा को दिए जाते हैं. इसके अलावा उसे खीरा और पपीता भी खिलाया जाता है. इस बैल का उपयोग किसी भी प्रकार के खेती के काम में नहीं किया जाता है.

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