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पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की बेटी से 3.5 करोड़ रुपये की ठगी

पूर्व मंत्री वीके सिंह की बेटी योगजा सिंह का आरोप है कि एक कारोबारी ने मकान बेचने के नाम पर उनके साथ फ्रॉड किया.

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

Updated : 52 minutes ago

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पूर्व मंत्री वीके सिंह (Etv Bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद:गाजियाबाद के राजनगर इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की बेटी योगजा सिंह ने एक धोखाधड़ी मामले में FIR दर्ज करवाई है. शिकायत के अनुसार, आनंद प्रकाश पर उन्होंने 3.5 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है. यह मामला एक मकान के सौदे से जुड़ा हुआ है, जो 2014 में हुआ था.

समझौता और विवाद का आरंभ:योगजा सिंह के मुताबिक, उन्होंने 14 जून को मकान नंबर R-2/27 खरीदने का एक मौखिक सौदा किया था, जिसकी कीमत 5.5 करोड़ रुपये तय की गई थी. इस सौदे के तहत योगजा ने 10 लाख रुपये एडवांस के रूप में दिए थे और बाकी की रकम धीरे-धीरे चुकाने के लिए सहमति बनी थी. मकान की रिनोवेशन के लिए आनंद प्रकाश ने 4.5 लाख रुपये का खर्च उठाया, जिसकी भरपाई के लिए योगजा ने पोस्टडेटेड चेक दिए थे. 15 जुलाई को उन्हें मकान का कब्जा दे दिया गया, लेकिन असली दस्तावेज नहीं दिया.

अनुबंध और दस्तावेजों की मांग:2017 में दोनों के बीच एक लिखित अनुबंध हुआ, जिसमें योगजा ने आरोपी के खाते में 33.5 लाख रुपये ट्रांसफर किए. इसके बाद भी आरोपी ने मकान के मूल कागजात देने में आनाकानी की और बार-बार अधिक पैसे की मांग करने लगा. योगजा ने 2018 में एक करोड़ रुपये दिए और 2019 में एक और करोड़ रुपये का भुगतान किया. 2023 में एक और करोड़ का भुगतान होने के बाद भी आरोपी ने मकान की रजिस्ट्री करने से इनकार कर दिया.

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आरोपी ने योगजा के खिलाफ अदालत में बेदखली का मामला भी दायर कर दिया है और शिकायत में कहा गया है कि उसने मकान के नाम पर फर्जी रसीदें बनाकर गलत तरीके से कब्जा करने की कोशिश की है.

योगजा का आरोप और पुलिस की कार्रवाई:योगजा सिंह का आरोप है कि आरोपी ने उनके पैसे धोखाधड़ी से हड़प लिए और मकान का बैनामा करने से मना कर रहा है. उन्होंने पुलिस से आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है. FIR दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत धोखाधड़ी का मुद्दा है, बल्कि यह एक ऐसी स्थिति को भी उजागर करता है, जहां संपत्ति के लेन-देन में पारदर्शिता और सुरक्षा की आवश्यकता है. इस घटना ने उन लोगों के लिए चेतावनी का काम किया है, जो आदान-प्रदान के मामलों में सतर्क रहने की आवश्यकता को समझें. योगजा सिंह ने सत्यता की तलाश में कानून का सहारा लिया है, और अब देखना यह होगा कि इस मामले में न्याय की परिकल्पना कैसे साकार होती है.

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