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पूर्व पीएम देवगौड़ा बोले उत्तराखंड नहीं बना सका जिंदगी भर रहेगा अफसोस, नैनीताल में मां नैना देवी के किए दर्शन - H D DEVE GOWDA UTTARAKHAND VISIT

उत्तराखंड के निजी दौरे पर आए हैं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, 15 अगस्त 1996 को लाल किले से की थी अलग राज्य की घोषणा

H D DEVE GOWDA UTTARAKHAND VISIT
पूर्व पीएम देवगौड़ा का उत्तराखंड दौरा (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 10, 2025, 10:03 AM IST

Updated : Feb 10, 2025, 11:36 AM IST

नैनीताल: देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा इन दिनों सरोवर नगरी नैनीताल के निजी प्रवास पर हैं. एचडी देवगौड़ा ने विश्व प्रसिद्ध मां नैना देवी मंदिर के दर्शन किए. इस दौरान देवगौड़ा ने कहा उत्तराखंड राज्य को उत्तर प्रदेश से पृथक करने का सपना देखा था. उन्होंने 15 अगस्त 1996 को लाल किले की प्राचीर से भाषण देते हुए पृथक उत्तराखंड राज्य के गठन के लिए अपनी सरकार का संकल्प व्यक्त किया था.

देवगौड़ा को याद आई पुरानी बातें: उत्तराखंड को नया राज्य बनाने के लिए उनके द्वारा घोषणा भी की गई, लेकिन उनकी सरकार अल्प समय में ही चली गई थी. ऐसे में उत्तराखंड को पृथक राज्य बनाने का उनका सपना अधूरा रह गया. हालांकि कुछ साल के बाद उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश से अलग हो गया. इसके साथ ही इस क्षेत्र के लोगों का अलग राज्य का सपना भी पूरा हुआ.

पूर्व पीएम देवगौड़ा ने नैना देवी मंदिर के दर्शन किए (VIDEO- ETV Bharat)

नैनीताल में मां नैना देवी के किए दर्शन: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने मां नैना देवी मंदिर के दर्शन किए. इस दौरान देवगौड़ा ने मां नैना देवी मंदिर की परिक्रमा की, जिसके बाद मंदिर प्रांगण में बैठकर मां का पाठ भी किया. मंदिर प्रांगण में बैठे एचडी देवगौड़ा ने कहा नैनी झील और नैनीताल का स्वरूप उन्हें कश्मीर की याद दिलाता है. जितनी सुंदर झील नैनीताल में है, उतनी ही सुंदर झील कश्मीर में भी है. दोनों झील एक स्वरूप में उन्हें नजर आती हैं.

इस दौरान नैना देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव लोचन शाह, उप सचिव प्रदीप शाह और अन्य आचार्यों ने पूर्व प्रधानमंत्री को मां नैना देवी की प्रतिमा और चुनरी ओढ़ा कर उनका स्वागत किया. मंदिर के मुख्य आचार्य चंद्रशेखर तिवारी ने पूर्व प्रधानमंत्री की ओर से पूजा करवाई.

देवगौड़ा ने लाल किले से अलग राज्य की घोषणा की थी: 1996 में केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी थी और जनता दल के वरिष्ठ नेता और तब के कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने थे. देवगौड़ा ने 15 अगस्त 1996 को लाल किले की प्राचीर से यूपी के पर्वतीय जिलों को मिलाकर अलग राज्य की बनाने की घोषणा की थी. 21 अप्रैल 1997 को उन्हें पद से हटना पड़ा था. साल 1998 में फिर से लोकसभा के चुनाव हुए थे.

अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार ने उत्तरांचल विधेयक राष्ट्रपति के माध्यम से प्रदेश विधानसभा को भेजा. प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने 26 संशोधनों के साथ ‘उत्तरांचल राज्य विधेयक’ विधानसभा से पारित किया और केंद्र को भेज दिया. इसी बीच 1999 में लोकसभा के फिर चुनाव हो गए.

9 नवंबर 2000 को बना उत्तराखंड: अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार पीएम बने. उनकी सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2000’ लोकसभा में रखा. लोकसभा ने 1 अगस्त और राज्यसभा ने 10 अगस्त को इस विधेयक को पारित कर दिया. राष्ट्रपति ने अगस्त 2000 में विधेयक को स्वीकृति दे दी. इस तरह विधेयक अधिनियम बन गया. उत्तर प्रदेश की तत्कालीन बीजेपी सरकार ने बाकी बची सभी औपचारिकताएं पूरी कर 9 नवंबर 2000 को प्रदेश के औपचारिक विभाजन की घोषणा कर दी. इस तरह यूपी से अलग उत्तरांचल राज्य अस्तित्व में आया.
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Last Updated : Feb 10, 2025, 11:36 AM IST

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