श्रीनगर: अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख और सांसद अब्दुल रशीद शेख उर्फ इंजीनियर रशीद ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों से राज्य का दर्जा बहाल होने तक सरकार नहीं बनाने का आग्रह किया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए मतगणना से एक दिन पहले सोमवार को श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए रशीद ने सरकार गठन पर विचार करने से पहले राज्य का दर्जा वापस करने के लिए दबाव बनाने के लिए सभी राजनीतिक गुटों के बीच एकजुटता का आह्वान किया.
रशीद ने कहा, "मैं कश्मीर के लोगों, खासकर युवाओं का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मेरे राजनीतिक विरोधियों के दुष्प्रचार के बावजूद मेरा समर्थन किया."
उन्होंने पिछले पांच वर्षों में गुपकार गठबंधन की निष्क्रियता की आलोचना की और इंडिया ब्लॉक और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से एक ही एजेंडे पर साथ आने का आग्रह किया.
एआईपी प्रमुख रशीद ने कहा, "जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, तब तक सभी दलों को उसी एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. जब तक वे केंद्र सरकार तक अपनी मांग नहीं पहुंचा देते, तब तक उन्हें सरकार नहीं बनानी चाहिए. एआईपी इस मुद्दे पर उनके साथ सहयोग करने के लिए तैयार है."
रशीद ने जोर देकर कहा कि सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश देना चाहिए, "हमें राज्य का दर्जा दें, या हम सरकार गठन से दूर रहेंगे." उन्होंने जोर देकर कहा कि जो भी अगली सरकार बनाएगा, उसके पास राज्य का दर्जा बहाल किए बिना सीमित अधिकार होंगे.
यति नरसिंहानंद की विवादास्पद टिप्पणी की निंदा
वहीं, इंजीनियर रशीद ने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ यति नरसिंहानंद की विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की. साथ ही उन्होंने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) को लागू करने में दोहरे मानदंडों पर सवाल उठाए. उन्होंने सवाल किया, "अगर आप सोशल मीडिया पोस्ट के लिए मुझ पर और दूसरों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर सकते हैं, तो इस आदमी या उसके जैसे अन्य लोगों पर उसी कानून के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया?"
सरकार बनाने में अन्य दलों का समर्थन करने के बारे में पूछे जाने पर एआईपी प्रमुख ने कहा, "सरकार गठन मेरी प्राथमिकता नहीं है. कल (मंगलवार) तक इंतजार करते हैं."
विधानसभा में 5 सदस्यों को मनोनीत करने की आलोचना
उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच सदस्यों को मनोनीत किए जाने के फैसले की भी आलोचना की और इसे संविधान और लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया. रशीद ने सवाल किया कि ये चयन पिछले दरवाजे से क्यों किए गए, जबकि मनोनीत किए गए लोग भी चुनाव लड़ रहे थे."
क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को संबोधित करते हुए उन्होंने पूछा, "मुझे एक अधिकार दिखाओ जो आपने 2019 से सुरक्षित किया है."
दरबार मूव को फिर से शुरू करने की वकालत
रशीद ने जम्मू और श्रीनगर के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार के अर्धवार्षिक स्थानांतरण, सदियों पुरानी दरबार मूव (Darbar Move) को फिर से शुरू करने की भी वकालत की, जिसे हाल ही में समाप्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा, "प्रशासन का दावा है कि उसने दरबार मूव को समाप्त करके राजकोष को भारी बोझ से बचाया है, लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों क्षेत्रों के लोग पीड़ित हैं. हम मांग करते हैं कि यह प्रथा फिर से शुरू की जाए."
बारामूला के सांसद रशीद ने दिल्ली स्थित जम्मू-कश्मीर हाउस में संपत्ति के आवंटन पर भी चिंता व्यक्त की और दावा किया कि अधिकांश संपत्ति लद्दाख के निवासियों के लिए रखी गई है. उन्होंने पूछा, "मैं जानना चाहता हूं कि संपत्तियों का वितरण किस आधार पर किया गया. क्या यह न्याय है? जम्मू-कश्मीर में दो करोड़ से अधिक लोग हैं, और लद्दाख में केवल 4 से 5 लाख लोग हैं. अगर हमारे लोगों को इलाज, नौकरी या यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर से बाहर जाना पड़े तो वे कहां जाएंगे?"
सज्जाद लोन के दावे का दिया जवाब
रशीद ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के प्रमुख सज्जाद लोन के इस दावे का भी जवाब दिया कि वह रशीद की ओर से लेख लिखते थे. रशीद ने चुटकी लेते हुए कहा, "मेरे लेखों के माध्यम से अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए मुझ पर मामला दर्ज किया गया है. अगर सज्जाद साहब ने मेरी ओर से लिखने की बात कबूल की है, तो एनआईए को मेरी जगह उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए."
जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा का स्वागत
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा का स्वागत करते हुए इंजीनियर रशीद ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों के बारे में संदेह व्यक्त किया. उन्होंने आग्रह किया, "मुझे नहीं पता कि वे कब और कैसे दोस्त बन जाते हैं. कृपया कश्मीरियों को मत मरवाओ."
इंजीनियर रशीद पांच साल से अधिक समय तक नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे. फिलहाल 12 अक्टूबर तक जमानत पर बाहर हैं.
रशीद के बयान उमर की प्रतिक्रिया
इंजीनियर रशीद के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर ने कहा कि रशीद भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय शासन बढ़ाना चाहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमर एक्स पर लिखा, "वह शख्स (इंजीनियर रशीद) 24 घंटे के लिए दिल्ली जाता है और वापस आकर सीधे भाजपा के हाथों में खेलता है." उन्होंने दावा किया कि अगर भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है तो वह जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय शासन को आगे बढ़ाना पसंद करेगी, जिसका अर्थ है कि रशीद की अपील उनके एजेंडे को लाभ पहुंचाती है.
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