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राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर अब 9 अक्टूबर को होगी सुनवाई - Rahul Gandhi Citizenship - RAHUL GANDHI CITIZENSHIP

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है तब हम सुनवाई नहीं कर सकते.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (File Photo)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 26, 2024, 2:24 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग पर गृह मंत्रालय को फैसला करने का आदेश देने की मांग करने वाली बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है तब हम सुनवाई नहीं कर सकते. हाईकोर्ट ने एएसजी चेतन शर्मा को निर्देश दिया कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले पर चल रही सुनवाई का स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को बताएं. मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.

हाईकोर्ट ने एएसजी से कहा कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की प्रति भी उपलब्ध कराएं. कार्यकारी चीफ जस्टिस ने कहा कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका का स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद ही सुनवाई जारी रखेंगे. क्योंकि वे नहीं चाहते कि दिल्ली हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार का मामला सुने.

इससे पहले 20 अगस्त को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका को दूसरी बेंच में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता ये बताने में नाकाम रहे कि इसमें कोई संवैधानिक अधिकार है, लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि इसमें जनहित का मसला जुड़ा हुआ है. इसलिए इस याचिका पर जनहित याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच सुनवाई करेगी. उसके बाद कोर्ट ने कार्यकारी चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के पास याचिका को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था.

जानिए- क्या रखी गई हैं दलीलें
सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने खुद दलीलें रखते हुए कहा था कि उन्होंने 2019 में गृह मंत्रालय को लिखा था कि बैकओप्स लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन ब्रिटेन में 2003 में हुआ था और राहुल गांधी उस कंपनी के निदेशकों में से एक थे. याचिका में कहा गया कि कंपनी की ओर से 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को भरे गए सालाना आयकर रिटर्न में कहा गया है कि राहुल गांधी की नागरिकता ब्रिटेन की है.

याचिका में कहा गया है कि कंपनी ने खुद को भंग करने के लिए 17 फरवरी 2009 को जो अर्जी दाखिल की थी उसमें भी राहुल गांधी की नागरिकता ब्रिटेन की बताई गई है. ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता कानून का उल्लंघन है. अनुच्छेद 9 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति अगर स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता लेता है तो वो भारत का नागरिक नहीं रह सकता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि इस संबंध में दो हफ्ते के अंदर स्पष्टीकरण दें, लेकिन इसके पांच वर्ष से ज्यादा का समय बीतने के बावजूद कोई स्पष्टता नहीं है. ऐसे में कोर्ट गृह मंत्रालय को इस संबंध में फैसला लेने का दिशानिर्देश जारी करे.

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