नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित शराब घोटाले के मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी बिजनेसमैन समीर महेंद्रू और AAP कार्यकर्ता चनप्रीत सिंह को जमानत दे दी. सोमवार को जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने 14 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान समीर महेंद्रू की ओर से पेश वकील ध्रुव गुप्ता ने कहा था कि याचिकाकर्ता 22 महीनों से ज्यादा समय से हिरासत में है. इस मामले में दूसरे आरोपी मनीष सिसोदिया को 17 महीने की हिरासत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. उन्होंने कहा था कि जमानत के लिए समीर महेंद्रू का मनीष सिसोदिया से ज्यादा मजबूत पक्ष है.
गुप्ता ने सिसोदिया को जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि ट्रायल में देरी की वजह से उन्हें जमानत मिली. मनी लॉड्रिंग कानून की धारा 45 के दो शर्तों का पालन करना जरूरी नहीं है. इन सब पर संविधान के अनुच्छेद 21 ज्यादा जरूरी है. गुप्ता ने कहा था कि समीर महेंद्रू राजनेता नहीं है, इसके बावजूद वो 22 महीनों से ज्यादा समय से हिरासत में हैं.
CBI केस में पहले ही मिल चुकी है जमानतःसमीर महेंद्रू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि आर्थिक अपराधों में ट्रायल में देरी जमानत का आधार नहीं हो सकता है. महेंद्रू की पत्नी की तबीयत खराब होने की वजह से अंतरिम जमानत मिली थी. बता दें, समीर महेंद्रू को सीबीआई केस में जमानत मिल चुकी है. ED ने 26 नवंबर 2022 को उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 28 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था.