नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा-मार्क्सवादी) गुरुवार को यहां नई दिल्ली में अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करेगी. सीपीआई-एम के सूत्रों ने मंगलवार को ईटीवी भारत को बताया कि कम से कम तीन भागों में वर्गीकृत घोषणापत्र में किसानों के मुद्दे, आर्थिक संकट, समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा, बेरोजगारी के साथ-साथ भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्य को सुनिश्चित करने जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला जाएगा.
पूर्व सांसद और सीपीआई-एम की चुनाव घोषणापत्र समिति के सदस्य हन्नान मोल्लाह ने कहा कि 'हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पर बड़े पैमाने पर हो रहे हमलों को उजागर करेंगे. इनमें सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर मीडियाकर्मियों और सरकार की आलोचना करने वालों पर हमले, आरएसएस और भाजपा की आलोचना करने वालों को राष्ट्र-विरोधी के रूप में अंधाधुंध ब्रांडिंग करना शामिल है.'
उन्होंने कहा कि 'लोकतांत्रिक असहमति का अपराधीकरण, सरकार द्वारा लक्षित लोगों जैसे दलित आदि के समर्थन में खड़े बुद्धिजीवियों का उत्पीड़न और धमकी को भी उजागर करना होगा.' मोल्ला ने कहा कि हाल के कुछ महीनों में हमने देखा है कि सत्तारूढ़ दल जांच एजेंसियों की मदद से मीडिया घरानों पर हमला करने में शामिल हो गया है.