बेंगलुरु: मैसूर की थर्ड जेएमएफसी अदालत ने गुरुवार को आरटीआई कार्यकर्ता और मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले की शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को चेक बाउंस मामले में छह महीने जेल की सजा सुनाई. कृष्णा MUDA में अनियमितताओं का आरोप लगाने के कारण सुर्खियों में रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक स्नेहमयी कृष्णा ने 2015 में ललिताद्रिपुर निवासी कुमार से अखबार चलाने और घर की जरूरतों के लिए लोन लिया था. इसके बदले में उन्होंने मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का चेक दिया था. जब कुमार ने चेक अपने बैंक अकाउंट में जमा किया तो वह बाउंस हो गया. बाद में कुमार ने स्नेहमयी कृष्णा के खिलाफ केस दर्ज कराया. मामले की सुनवाई करने वाली अदालत ने स्नेहयी कृष्णा को दोषी पाया और छह महीने की जेल की सजा सुनाई.
'कानूनी लड़ाई जारी रखूंगी'
इस संबंध में स्नेहमयी कृष्णा ने ईटीवी भारत से कहा, "चेक बाउंस के मामले में फैसला सुनाया गया है कि पैसे चुकाने होंगे या छह महीने की जेल होगी. मैं इस संबंध में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखूंगी."
MUDA मामला राजनीति से प्रेरित: सिद्धारमैया
इससे पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि MUDA साइट आवंटन मामला राजनीति से प्रेरित है और उन्हें विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा. MUDA मामले में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी एम, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य आरोपी हैं.