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MUDA केस में CM सिद्धारमैया के खिलाफ जिस शख्स ने की शिकायत, कोर्ट ने उसे सुनाई सजा, जानें पूरा मामला - MUDA CASE

मैसूर की एक अदालत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मामले में सीएम सिद्धारमैया की शिकायत करने वाले शख्स को सजा सुनाई है.

Snehamayi Krishna
स्नेहमयी कृष्णा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 31, 2025, 7:07 PM IST

Updated : Jan 31, 2025, 7:41 PM IST

बेंगलुरु: मैसूर की थर्ड जेएमएफसी अदालत ने गुरुवार को आरटीआई कार्यकर्ता और मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले की शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को चेक बाउंस मामले में छह महीने जेल की सजा सुनाई. कृष्णा MUDA में अनियमितताओं का आरोप लगाने के कारण सुर्खियों में रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक स्नेहमयी कृष्णा ने 2015 में ललिताद्रिपुर निवासी कुमार से अखबार चलाने और घर की जरूरतों के लिए लोन लिया था. इसके बदले में उन्होंने मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का चेक दिया था. जब कुमार ने चेक अपने बैंक अकाउंट में जमा किया तो वह बाउंस हो गया. बाद में कुमार ने स्नेहमयी कृष्णा के खिलाफ केस दर्ज कराया. मामले की सुनवाई करने वाली अदालत ने स्नेहयी कृष्णा को दोषी पाया और छह महीने की जेल की सजा सुनाई.

'कानूनी लड़ाई जारी रखूंगी'
इस संबंध में स्नेहमयी कृष्णा ने ईटीवी भारत से कहा, "चेक बाउंस के मामले में फैसला सुनाया गया है कि पैसे चुकाने होंगे या छह महीने की जेल होगी. मैं इस संबंध में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखूंगी."

MUDA मामला राजनीति से प्रेरित: सिद्धारमैया
इससे पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि MUDA साइट आवंटन मामला राजनीति से प्रेरित है और उन्हें विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा. MUDA मामले में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी एम, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य आरोपी हैं.

ईडी ने पार्वती और कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश को समन जारी किया था, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसने याचिकाकर्ताओं के सीबीआई जांच के अनुरोध से संबंधित आदेश को भी सुरक्षित रख लिया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें लोकायुक्त जांच पर कोई भरोसा नहीं है.

MUDA घोटाला विवाद क्या है?
यह विवाद मुआवजा स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के इर्द-गिर्द घूमता है. घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में गिफ्ट में दिया था.

बाद में MUDA के जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए. कहा जाता है कि ये प्लॉट मूल भूमि के टुकड़े से काफी अधिक कीमत के हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि घोटाले का कुल मूल्य संभावित रूप से 3,000 करोड़ रुपये से 4,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है.

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Last Updated : Jan 31, 2025, 7:41 PM IST

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