नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए गए बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत 15 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान रेप पीड़िता की ओर से पेश वकील ने कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि अगर उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाई जाती है तो उन्हें सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा जाए.
सुनवाई के दौरान रेप पीड़िता की मां भी कोर्ट में उपस्थित थी और अंतरिम जमानत बढ़ाने का विरोध किया. सुनवाई के दौरान दोनों तरफ के वकीलों के बीच इतनी तीखी बहस होने लगी कि कोर्ट ने कहा कि आप दोनों चैंबर में आइए, हम दोनों को समझा नहीं सकते हैं. कोर्ट ने एम्स के उस रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि कुलदीप सिंह सेंगर से मिलने आनेवाले लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि अस्पताल के नियमित संचालन बाधित हुई और इससे मरीजों की देखभाल और गुणवत्ता से समझौता करना पड़ा. इसपर कुलदीप सिंह सेंगर के वकील ने कहा कि आगे ऐसी स्थिति नहीं आएगी. तबीयत खराब होने की वजह से मिलने आने वाले लोगों का तांता लगा.
20 दिसंबर तक सजा की थी निलंबित: दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर के स्वास्थ्य के आधार पर 20 दिसंबर तक सजा निलंबित कर दी थी. कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर की प्राथमिक जांच के लिए दो हफ्ते की अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि सेंगर को 6 दिसंबर को तीन-चार दिनों के लिए भर्ती किया जाएगा ताकि उनकी बीमारियों का इलाज हो सके. इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है.
दस लाख का जुर्माना: बता दें कि 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही सेंगर समेत सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी.