नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहम बैठक से एक दिन पहले कांग्रेस के रणनीतिकारों ने बैलेट पेपर के पक्ष में 2018 के प्रस्ताव को पुनर्जीवित किया. इस बैठक में ईवीएम हटाने को लेकर राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा होने की संभावना है.
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है, जिसमें हाल में संपन्न हुए हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा की जाएगी. दोनों राज्यों के चुनावी परिणाम कांग्रेस की उम्मीद के बिल्कुल उलट आए हैं. जिसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा द्वारा ईवीएम से कथित छेड़छाड़ को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन पर भी सीडब्ल्यूसी द्वारा चर्चा किए जाने की संभावना है.
सीडब्ल्यूसी के सदस्य जगदीश ठाकोर ने ईटीवी भारत को बताया, "न केवल हाल के हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान, बल्कि 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान भी हमने पाया कि ईवीएम की भूमिका संदिग्ध थी. तीनों राज्यों में भाजपा सत्ता में थी. उन्होंने चुनाव जीतने के लिए मशीनों से छेड़छाड़ की."
उन्होंने कहा, "हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजे हमारे फीडबैक के विपरीत थे, क्योंकि हम अपने दम पर और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे थे. गुजरात में हमें करीब 65 सीटों की उम्मीद थी, लेकिन हमें सिर्फ 17 सीटें मिलीं और भाजपा ने तगड़ी सत्ता विरोधी लहर के बावजूद रिकॉर्ड बहुमत से जीत दर्ज की. चुनाव दर चुनाव यह कैसे संभव हो सकता है."
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी से आंदोलन की रूपरेखा को मंजूरी मिलने के बाद इंडिया गठबंधन के सहयोगियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा, क्योंकि वे भी लंबे समय से इस मुद्दे पर चिंता जता रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि ईवीएम की भूमिका को लेकर कांग्रेस के भीतर संदेह दूर हो गया है और यहां तक कि शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम जैसे वरिष्ठ सांसद, जो ईवीएम के पक्ष में बोल रहे थे, उन्हें भी आधिकारिक पार्टी लाइन के साथ आने के लिए सचेत किया गया है.
गुजरात कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ठाकोर ने कहा कि भाजपा द्वारा ईवीएम से कथित छेड़छाड़ के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का समय आ गया है क्योंकि इस मुद्दे पर देश की सबसे पुरानी पार्टी के भीतर व्यापक सहमति है.