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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: क्या नामांकन वापस लेंगे कांग्रेस के बागी उम्मीदवार? नेताओं को मनाने की कवायद तेज

कांग्रेस ने 4 नवंबर को मुंबई में होने वाली एमवीए की संयुक्त रैली को 6 नवंबर के लिए टाल दिया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो) (ANI)

By Amit Agnihotri

Published : Nov 1, 2024, 6:12 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के प्रबंधक इस बात से खुश हैं कि पार्टी उम्मीदवारों ने 288 विधानसभा सीटों में से 102 पर नामांकन दाखिल कर दिए हैं, जो महा विकास अघाड़ी के भीतर सबसे बड़ी संख्या है. लेकिन 4 नवंबर की नामांकन वापसी की समय सीमा से पहले बागियों को मनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को तैनात करना पड़ा है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस को लगभग 9 सीटों पर बागियों का सामना करना पड़ रहा है, जो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि 29 अक्टूबर तक सभी 288 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि थी. शिवसेना (यूबीटी) ने लगभग 95 सीटों पर और एनसीपी-एसपी ने 87 सीटों पर नामांकन दाखिल किए हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पिछले दो दिनों में, कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र के प्रभारी AICC रमेश चेन्निथला, राज्य इकाई के प्रमुख विजय वडेट्टीवार, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट सहित वरिष्ठ राज्य नेताओं को बागियों से बात करने और यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया है कि वे 4 नवंबर तक अपना नामांकन वापस ले लें. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे, सीडब्ल्यूसी सदस्य सचिन पायलट और अन्य सहित AICC के क्षेत्रवार पर्यवेक्षक भी बागियों को शांत करने के प्रयासों में शामिल हैं.

इस दौरान गहलोत और पांडे ने कोंकण क्षेत्र के नेताओं से बातचीत की, जबकि पायलट और तेलंगाना के नेता उत्तम रेड्डी ने मराठवाड़ा क्षेत्र के नेताओं से चर्चा की. दूसरी तरफ चव्हाण और थोराट अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में गहलोत, कर्नाटक के मंत्री जी परमेश्वर को मुंबई और कोंकण क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया था, जबकि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जालंधर से लोकसभा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार को विदर्भ क्षेत्र (अमरावती और नागपुर) का प्रभार दिया गया था.

छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल पश्चिमी महाराष्ट्र देख रहे हैं, जबकि राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन और तेलंगाना की मंत्री अनसूया सीथक्का उत्तर महाराष्ट्र में व्यस्त हैं.

एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने ईटीवी भारत से कहा, "हमने केवल उन्हीं उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दिए जिनके नाम पार्टी ने घोषित किए थे. जिन पार्टी नेताओं ने स्वतंत्र रूप से नामांकन दाखिल किया है, उन्हें अपना नामांकन वापस ले लेना चाहिए. सभी को पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए." बागियों के अलावा, कांग्रेस कुछ सीटों पर एमवीए सहयोगियों के साथ दोस्ताना लड़ाई के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि इस कदम से विपक्षी वोटों में सेंध लगेगी.

इन सीटों पर अंतिम रूप नहीं दिया जा सका क्योंकि एमवीए के तीन घटक कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी को लगा कि उनके पास वहां जीतने का बेहतर मौका है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम पांच सीटों मिराज, सांगोला, दक्षिण सोलापुर, पंढरपुर और परांदा को लेकर गठबंधन सहयोगियों से बात कर रही है, जहां कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी के बीच दोस्ताना मुकाबला हो सकता है.

चेन्निथला ने दावा करते हुए कहा, एमवीए एकजुट है और भाजपा-शिवसेना शिंदे और एनसीपी-एपी के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को हराएगी." कांग्रेस प्रबंधकों के व्यस्त होने के कारण, कांग्रेस ने 4 नवंबर को मुंबई में होने वाली एमवीए की संयुक्त रैली को 6 नवंबर के लिए टाल दिया. पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, मौजूदा खड़गे के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार एमवीए के शक्ति प्रदर्शन में शामिल होंगे.

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