नई दिल्ली : कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे 1 दिसंबर को दिल्ली में एक विशाल रैली में पार्टी के ‘संविधान बचाओ’ नारे को बुलंद करेंगे. साथ ही वह वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक का विरोध करेंगे और पार्टी के पारंपरिक दलित और मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने तथा पिछड़े समूहों को प्रभावित करने के लिए जाति जनगणना की मांग को आगे बढ़ाएंगे.
ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होने वाली यह रैली संसद के चालू शीतकालीन सत्र और अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय राजधानी में खोई जमीन हासिल करने के लिए दिल्ली इकाई द्वारा आयोजित राज्यव्यापी ‘न्याय यात्रा’ के बीच हो रही है. दिल्ली के एआईसीसी प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने ईटीवी भारत को बताया कि हम विभिन्न सामाजिक समूहों की चिंताओं को उजागर करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के प्रमुख खड़गे 1 दिसंबर की रैली को संबोधित करेंगे, जहां वे संविधान को बचाने की आवश्यकता और जाति जनगणना के लिए दबाव बनाने के बारे में बात करेंगे. निजामुद्दीन ने कहा कि वह वक्फ संपत्ति कानून और राज्य में आप सरकार और केंद्र स्तर पर एनडीए सरकार दोनों की लापरवाही के कारण शहर के निवासियों को जिस तरह से परेशानी हो रही है, जैसे मुद्दों पर भी बात कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, "दिल्ली के लोगों को गंभीर वायु प्रदूषण, गंदी यमुना नदी और पीने के पानी की आपूर्ति की कमी से राहत चाहिए, लेकिन उन्हें सिर्फ वादे ही मिले. निवासियों ने इन दोनों पार्टियों को आज़मा लिया है और अब समय आ गया है कि कांग्रेस को वापस लाया जाए." कांग्रेस ने 1998 से 2013 तक लोकप्रिय मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार 15 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी पर शासन किया, उसके बाद कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दम पर आप पहली बार सत्ता में आई. तब से, नई पार्टी ने अपनी आक्रामक जमीनी स्तर की राजनीति और मुफ्त पानी और बिजली जैसी अनेक सुविधाओं के आधार पर कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक को छीन लिया.