नई दिल्लीः सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले दिल्ली पुलिस ने सोनम वांगचुक को रिहा कर दिया है. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच को ये सूचित किया. उसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका को निस्तारित कर दिया है.
बता दें कि लेह से करीब 150 लोगों के साथ पदयात्रा पर आ रहे सोनम वांगचुक के काफिले को 30 सितंबर को दिल्ली के सिंधु बार्डर पर रोक कर हिरासत में ले लिया गया था. वे दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर प्रदर्शन के लिए आ रहे थे. सोनम वांगचुक को बाद में 2 अक्टूबर को रिहा कर दिया गया था. सोनम वांगचुक ने 2 अक्टूबर को राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. दिल्ली पुलिस ने छह दिनों के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दिया था. इसके तहत किसी भी विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं होगी.
हिरासत में लेने का हुआ विरोध
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर राजनीतिक बवाल मच गया. विपक्षी दलों ने हिरासत में लेने की कार्रवाई का विरोध किया. एक अक्टूबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सोनम वांगचुक से मिलने पहुंची थीं लेकिन उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी गई. वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लद्दाख में बंद आयोजित किया गया. वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. वांगचुक ने एक सितंबर से लेह से यात्रा शुरू की थी. ये यात्रा करीब एक हजार किलोमीटर की थी. इस पदयात्रा का आयोजन लेह एपेक्स बॉडी ने कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर किया गया था.