बीजापुर मुठभेड़ में 13 नक्सलियों के शव बरामद, पांच माओवादियों की हुई पहचान, गृह मंत्री ने नक्सल समस्या पर कही बड़ी बात - Bijapur Naxal Encounter
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए हैं. इन नक्सलियों में पांच माओवादियों की पहचान हुई है. दूसरी तरफ जवानों की इस सफलता के बाद गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों को बातचीत का ऑफर दिया है. इस पूरे मुद्दे पर सियासी हंगामा मच चुका है.
रायपुर/बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में जवानों ने 13 नक्सलियों को मार गिराया है. मुठभेड़ के बाद दो महिला समेत 13 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. मंगलावर को सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. वहीं मुठभेड़ के दौरान एक जवान आईईडी की चपेट में आने से घायल हो गया है.
बीजापुर मुठभेड़ में 13 नक्सलियों के शव बरामद
सर्चिंग के दौरान 13 शव बरामद किए: बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने बताया, "गंगलूर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ हुई है. हमको सूचना मिली थी कि कंपनी 2 और प्लाटून नंबर 11,12 और 13 के लोग बड़ी संख्या में मौजूद हैं. इसके बाद हमने ऑपरेशन लॉन्च किया, जिसमें हमारी डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा और एसटीएफ की टीम थी."
बीजापुर नक्सल मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की हुई पहचान : बीजापुर नक्सल मुठभेड़ में मारे गए 13 नक्सलियों में से पांच नक्सलियों की पहचान हुई है.
नक्सली सुखराम हेमला पीएलजीए का एसीएम रैंक का माओवादी था. वह दो नंबर कंपनी में काम करता था.
नक्सली हूंगा परसी, पीएलजीए कंपनी दो का सदस्य है
हूंगा कुंजाम भी पीएलजीए कंपनी दो का मेंबर है
महिला नक्सली सीतक्का DVCM जितरू की पत्नी है. वह पीएलजीए टू में काम करती थी.
नक्सली दुला सोनू पीएलजीए कंपनी दो का सदस्य है
"तीन दिन लगातार ऑपरेशन चलता रहा. मंगलवार सुबह लगभग 4 बजे से शाम लगभग 4 बजे तक फायरिग चलती रही. सर्चिंग के दौरान 13 शव हमने बरामद किए हैं. अभी शवों की शिनाख्तगी नहीं हो पाई है. - जितेंद्र यादव, पुलिस अधीक्षक, बीजापुर
लंबी चली मुठभेड़ : ऑपरेशन के लिए स्पेशल फोर्सेस, बस्तर फाइटर, कोबरा, डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम रवाना की गई थी. अभियान के दौरान सिक्योरिटी फोर्सेस की अलग अलग जगह मुठभेड़ हुई.
"2 अप्रैल को बीजापुर की गंगालूर थाना क्षेत्र अंतर्गत कोरचोली इलाके में प्रतिबंधित माओवादी संगठन की मौजूदगी की सूचना पर एक ऑपरेशन लांच किया गया. इसमें स्पेशल फोर्सेस, बस्तर फाइटर, कोबरा, डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम रवाना की गई थी. अभियान के दौरान सिक्योरिटी फोर्सेस की अलग अलग जगह मुठभेड़ हुई थी. लगभग 14 घंटे यह मुठभेड़ जारी रही. मुठभेड़ के बाद कुल 13 माओवादियों की डेड बॉडी बरामद की गई. आसपास के क्षेत्र में सुरक्षाबल के जवान सर्चिंग कर रहे हैं. पिछले तीन महीने में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 46 डेड बॉडी बरामद की गई है ." - सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज
बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी ने यह भी कहा, 'हर साल गर्मी के दिनों में टीसीओसी अभियान के जरिए नक्सली क्षेत्र में किसी न किसी हिंसात्मक गतिविधि को अंजाम देकर एक भय का वातावरण बनाने की कोशिश करते हैं. टीसीओसी के दौरान अलग अलग एरिया में उनकी मीटिंग भी होती है. खासकर पश्चिम बस्तर में सीनियर कैडर्स जैसे लैंगू, पापा राव और पीएलजीए कंपनी नंबर 2 की मौजूदगी सक्रिय रूप से मिलती है.'' - सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर रेंज
सरकार वार्ता के लिए तैयार: बीजापुर नक्सल मुठभेड़ को लेकर प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि "सरकार किसी भी विषय पर नक्सलियों से चर्चा के लिए तैयार है. हम चाहते हैं कि बातचीत हो, शांतिपूर्ण हल निकले. हम यह भी चाहते हैं कि बस्तर के गांव गांव तक सड़क, अस्पताल, स्कूल, बिजली, पानी, मोबाइल टॉवर, यह सब वर्तमान समय की मौलिक आवश्यकताएं हैं, वो वहां पहुंचे."
डिप्टी सीएम ने एक बार फिर दिया नक्सलियों को बातचीत का ऑफर
"टारगेट एनकाउंटर करें, हमें कोई दिक्कत नहीं": कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मुठभेड़ पर कहा, "निश्चित रूप से बीजेपी की सरकार में बस्तर फिर से अशांत हो चुका है. नक्सल गतिविधियां बढ़ चुकी है. सेलेक्टेड एनकाउंटर करें, टारगेट एनकाउंटर करें, हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन आदिवासियों को टारगेट अगर करते हैं तो निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करेगी."
भाजपा की सरकार आने के बाद बढ़ी नक्सली घटनाएं
आईईडी ब्लास्ट पर डिप्टी सीएम का बयान: वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बीजापुर और दूसरे नक्सल प्रभावित इलाकों में आईईडी ब्लास्ट को लेकर कहा है कि, "जो आईईडी पूरे क्षेत्र में लगाया गया है, वह केवल सुरक्षाबलों के लिए घातक नहीं है, बल्कि गांव वालों के लिए भी नुकसानदायक है. आईईडी से जानवरों के साथ साथ ग्रामीणों को भी नुकसान हो रहा है. सभी को इस पर चिंता करने की जरूरत है. क्यों बस्तर के गांव तक विकास न पहुंचे, इसकी क्या जिद है किसी की, यह समझना पड़ेगा."