मुंबई: महाराष्ट्र में महायुति में मंत्री पद न मिलने से नाराज एनसीपी नेता छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. बता दें कि, भुजबल अजित पवार के खिलाफ आक्रामकर रूख अख्तियार कर लिया है.
रविवार को राज्य के ओबीसी संगठनों के नेताओं ने भुजबल के समर्थन में बैठक की और आश्वासन दिया कि, ओबीसी समाज पूरी तरह भुजबल के पीछे खड़ा रहेगा. वहीं, छगन भुजबल ने था कि, अभी तक उनकी तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया है. उन्हें इसके लिए कुछ वक्त चाहिए.
अजित पवार से नाराज चल रहे छगन भुजबल ने सोमवार सुबह राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सागर स्थित उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. इसके चलते राज्य में भुजबल को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी आने की तस्वीर बन गई है. छगन भुजबल और देवेंद्र फडणवीस की करीब आधे घंटे तक मुलाकात हुई.
छगन भुजबल ने कहा, "महागठबंधन ने राज्य विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता हासिल की है. इसे ओबीसी समुदाय का भारी समर्थन मिला है. मैंने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उनके साथ सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की."
छगन भुजबल ने कहा, "हम ओबीसी को परेशान नहीं होने देंगे. राज्य में जो कुछ चल रहा है, उसे देखते हुए मुझे आठ से दस दिन का समय दीजिए. हम आठ से दस दिन बाद फिर मिलेंगे और हम निश्चित रूप से इसका कोई अच्छा समाधान निकालेंगे." उन्होंने कहा, देवेंद्र फडणवीस ने भी अनुरोध किया कि, हम चीजों को बेहतर बनाने के लिए हर संभव चर्चा करें. इसलिए, राजनीतिक हलके की नजर इस बात पर है कि अगले आठ से दस दिनों के बाद क्या निर्णय लिया जाएगा.
अब इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि भुजबल की फडणवीस से मुलाकात के बाद क्या भुजबल कोई अलग निर्णय लेंगे. भुजबल ने एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे पर उन्हें मंत्री पद न दिए जाने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया था कि, पार्टी की निर्णय प्रक्रिया में उन्हें दरकिनार किया जा रहा है. भुजबल ने यह भी कहा था कि पवार, पटेल और तटकरे मिलकर पार्टी के अलग-अलग निर्णय लेते हैं. इसमें उनका कोई रोल नहीं है.
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