कर्नाटक विधानसभा में Pak समर्थित नारों का मामला, बीजेपी के घेराव के बाद बचाव में उतरी कांग्रेस - कर्नाटक विधानसभा
Karnataka Assembly, Pakistan Zindabad Case in Karnataka, कर्नाटक विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद मामला गर्माता जा रहा है, क्योंकि अब एक निजी संस्था द्वारा एफएसएल रिपोर्ट जारी की गई है, जिसे बीजेपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. इस रिपोर्ट के हवाले से बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार तोड़-मरोड़कर सच्चाई पेश कर रही है.
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद मामले को लेकर एक निजी संस्था द्वारा जारी एफएसएल रिपोर्ट को बीजेपी ने एक्स पर पोस्ट किया और सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. बीजेपी ने सरकार पर सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है. बीजेपी के आरोप पर गृह मंत्री परमेश्वर, मंत्री प्रियांक खड़गे और सतीश जराकीहोली ने पलटवार किया है.
गृह मंत्री परमेश्वर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'वह निजी व्यक्ति कौन है, जिसने उन्हें एनओसी दी? क्या उन्हें इस तरह रिपोर्ट करने की इजाजत है? मैं हर चीज की जांच करूंगा. हम सरकारी एफएसएल, गृह विभाग की फोरेंसिक रिपोर्ट पर कार्रवाई करेंगे. अगर शिकायतों की पुष्टि हुई तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. लेकिन सरकार पर सच छुपाने का आरोप लगाना ठीक नहीं है.'
वहीं दूसरी ओर मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि 'भाजपा निजी संस्थाओं की एफएसएल रिपोर्ट का खुलासा कर रही है. वह देशद्रोह का पहला कृत्य है. बीजेपी ने निजी संस्थाएं बना रखी हैं. जनता में चिंता पैदा करना देशद्रोह है. ये कोई सामान्य मामला नहीं है. यह देशद्रोह की घोषणा की तरह है.'
मंत्री ने सवाल किया कि 'क्लू 4 एविडेंस लैब संगठन की विश्वसनीयता क्या है? उस संगठन के पास सरकारी प्रमाणीकरण है या नहीं. यदि हां, तो लैब को स्थानीय पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए. संगठन में इतनी परिपक्वता होनी चाहिए. बीजेपी द्वारा लैब को दी गई फुटेज क्या है? इंटरनेट पर वीडियो की गुणवत्ता दबा दी जाएगी. पहला सवाल ये है कि उन्होंने कौन सी फुटेज दी. यदि उन्होंने रॉ फुटेज दिया, तो उन्हें रॉ फुटेज कहां से मिला?'
मंत्री सतीश जराकीहोली ने कहा कि हमें पता था कि एफएसएल रिपोर्ट देने वाली निजी संस्था किसके लिए काम कर रही है. चिल्लाने वाले को बचाने का कोई सवाल ही नहीं है. सीएम, डीसीएम और गृह मंत्री ने कहा कि कार्रवाई होगी. क्या आप जानते हैं कि निजी संगठन किसके लिए काम करता है? मुझे पता है कि संगठन किसके लिए काम करता है.'