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असली एनसीपी कौन है? 'महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार ने कर दिया बड़ा ऐलान! - Sharad Pawar Criticized Narendra Modi NDA

शरद पवार ने 10 जून 1999 में कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया था. पिछले साल जुलाई में अजित पवार और कुछ अन्य विधायकों के राज्य में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा में विभाजन हो गया था.

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फोटो (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 10, 2024, 3:50 PM IST

पुणे:राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने चुनावों के बाद राज्य की सत्ता पार्टी के हाथों में आने का भरोसा जताया. शरद पवार ने पार्टी कार्यालय में आयोजित राकांपा के 25वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान पार्टी कार्यालय में ध्वजारोहण करने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. अपने संबोधन में पवार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ-साथ पीएम मोदी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि, पिछले पांच वर्षों में दो लोगों ने सरकार चलाई और देश के बारे में नहीं सोचा. उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों पर बोलते हुए कहा कि, देश की जनता ने इस ओर ध्यान दिया उसी के हिसाब से मतदान किया.

महाराष्ट्र में असली एनसीपी कौन है?
सत्तारूढ़ और विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस दोनों पार्टियों ने 25वां स्थापना दिवस मनाया. दोनों ही पार्टियों ने मूल पार्टी होने का दावा कर दिया. बारामती से निर्वाचित सांसद सुप्रिया सुले ने अजीत पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को याद दिलाने की कोशिश की कि चुनाव आयोग द्वारा दिया गया दर्जा 'अस्थायी' था. अजित पवार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पक्ष, मूल पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह से लैस है, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में मिले भारी समर्थन का भरोसा है, जहां उसने 10 में से आठ सीटें जीतीं. मुंबई में पार्टी कार्यालय में ध्वजारोहण समारोह में सत्तारूढ़ राकांपा की राज्य इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा कि पार्टी का अब से एकमात्र लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनाव जीतना है.

राकांपा-एसपी ने 2024 के आम चुनावों में विपक्षी गठबंधन के रूप में महाराष्ट्र से लोकसभा की 10 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से आठ पर पार्टी की जीत हुई. बता दें कि, पवार ने अपनी पुत्री एवं बारामती से राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले और अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में अपनी पार्टी का झंडा फहराया.

क्या बोले शरद पवार
वहीं शरद पवार ने कहा, 'पिछले 25 साल में हमने पार्टी की विचारधारा को फैलाने की दिशा में काम किया है...आइए, इसे आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करें. अगले तीन महीनों में राज्य विधानसभा चुनाव होंगे और इसके लिए काम करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है क्योंकि चुनावों के बाद राज्य की सत्ता आपके हाथों में होगी.' बता दें कि, पवार ने 10 जून 1999 में कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया था. पिछले साल जुलाई में अजित पवार और कुछ अन्य विधायकों के राज्य में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा में विभाजन हो गया था.निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष फरवरी में अजित पवार गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घोषित किया था और इस गुट को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया था.शरद पवार की पार्टी राकांपा (एसपी) को बाद में 'तुरही बजाते व्यक्ति' का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया.

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