सूरत: भावनगर के मूल निवासी और सूरत के शिव बंगला निवासी अश्विनभाई मंगुकिया के बेटे 23 वर्षीय हेमिल 23 दिसंबर को सहायक के रूप में रूसी सेना में शामिल हुए. 21 फरवरी को यूक्रेन की सीमा के पास ड्रोन मिसाइल हमले में हेमिल की मौत हो गई थी. अपने बेटे के अंतिम दर्शन के लिए मांगुकिया परिवार राह देख रहा था. मांगुकिया परिवार के पिता और चाचा हेमिल के शव के लिए रूस-मास्को पहुँचे.
गुजरात: रूस में मारे गए सूरत के युवक का शव घर पहुंचा, किया गया अंतिम संस्कार - Surat youth killed in Russia
Surat youth killed in Ukraine: रूस- यूक्रेन युद्ध में मारे गए गुजरात के युवक का शव 25 दिनों बाद उसके घर पहुंचा. गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार किया गया.
Published : Mar 17, 2024, 1:31 PM IST
परिवार ने शव के लिए 25 दिन तक किया इंतजार:परिवार नेकई अरमानों के साथ बेटे हेमिल को विदेश भेजा था. कभी सोचा नहीं था कि बेटा इस तरह लौटेगा. मंगुकिया परिवार ने लगातार पच्चीस दिनों तक इंतजार किया. आखिरकार 25 दिन बाद हेमिल का शव कल दिल्ली से होते हुए सूरत एयरपोर्ट पर पहुंचा. कल जैसे ही हेमिल का शव सूरत पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया. शव को स्मीमेर अस्पताल में रखवाया गया. हेमिल का अंतिम संस्कार आज सुबह किया गया. शव यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. पिछले 25 दिनों से हेमिल की मां भगवतीबेन की हालत काफी दयनीय हो गई है. हेमिल की मां ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि हेमिल जैसे जवान बेटों को विदेश ले जाते समय एजेंट को उन्हें गुमराह नहीं करना चाहिए. उन्होंने हेमिल को काम पर ले जाने के बहाने युद्ध के मैदान में भेजा है और मौत के मुंह में धकेल दिया. उन्होंने कहा, 'मेरे बेटे को वापस लाओ...'
कनाडा-पोलैंड जाना चाहते थे लेकिन सफल नहीं हुआ:हेमिल विदेशी धरती पर पहुंचकर अपने दम पर परिवार का नाम रोशन करना चाहते था. बचपन से ही यह सपना देख रहे था. हेमिल ने पहले कनाडा और पोलैंड के लिए वीजा प्राप्त करने की कोशिश की थी लेकिन वह सफल नहीं हो सका. मानो मौत हेमिल को वहां खींच लाई हो. रूस में 23 दिसंबर को वह एक एजेंट की मदद से सेना के सहायक के रूप में शामिल हो गए. परिवार को इस बात का अफसोस है कि अगर उस वक्त हेमिल कनाडा या पोलैंड गया होता तो आज वह उनकी आंखों के सामने मुस्कुरा रहा होता.