भोपाल।ताकि अगर देश पर संकट आए तो मदरसों में दीनी तालीम देने वाले मौलाना भी सरहद पर अपनी जान की बाजी लगाने तैयार रहें. ताकि कुदरत के कहर के बीच मानवता की सेवा के लिए पहुंच सकें मौलाना...और मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी दीनी तालीम से पहले इंसानियत के सबसे जरुरी सबक को अपनी जिंदगी में उतार लें. इसी मकसद के साथ एमपी में इन दिनों मध्यप्रदेश समेत देश के अलग अलग हिस्सों से आए मौलाना कैम्प में रहकर स्काउट गाईड की ट्रेनिंग ले रहे हैं. संस्था जमीयत उलेमा ए हिंद की पहल पर 2028 तक एक करोड़ 38 मदरसों के मौलाना को ट्रेंड करने का टारगेट है.
जमीयत ए उलेमा हिंद की कोशिश, मदरसों में नई खिड़की
मदरसों में दीनी तालीम देने वाले मौलाना एमपी की राजधानी भोपाल के गाँधी नगर इलाके में खुद स्काउड गाईड की ट्रेनिंग ले रहे हैं. इन्हें यहां स्काउट का सात दिन का बेसिक कोर्स करवाया जा रहा है. इस ट्रेनिंग में आठ राज्यों के मौलाना शामिल हुए हैं. जमीयत यूथ क्लब के साथ मिलकर भारत स्काउड एण्ड गाइड ने ये शिविर लगाया है. लक्ष्य ये है कि 2028 तक एक करोड़ 38 लाख मदरसों के मौलाना स्काउट गाईड की ट्रेनिंग ले लें. जमीयत उलेमा ए हिंद के जनरल सेकेट्री मौलाना करीम कहते हैं ''देखिए बदलाव आ रहा है, उसी की ये भी झलक है. देखिए, अनट्रेंड लोग किसी खी भी मदद नहीं कर सकते हैं. आपदा आती है तो जो कुशल होंगे हुनर होगा जिनमें, ठीक प्रकार से मदद कर सकेंगे. ट्रेंड नहीं होंगे तो अपनी जान को जोखिम में डाल लेंगे. हम मदरसों के टीचर्स को स्काउड गाइड से जोड़कर मुस्लिम बच्चों तक ये ट्रेनिग पहुंचाना चाहते हैं. वो बच्चे भी फिजीकल ट्रेनिंग लेंगे. हम चाहते हैं कि ये मौलाना जरुरत पड़ने पर देश की सेवा भी कर सकें.''