नई दिल्ली:कर्मचारी राज्य बीमा निगम (EPFO) उन कर्मचारियों के लिए ESI स्कीम चलाता है, जिनकी आय कम होती है. ईपीएफओ इन कर्मचारियों के लिए एक ESI कार्ड भी जारी करता है. ESI कार्ड के जरिए निजी कंपनियों के कर्मचारी ESI डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज करवा सकते हैं. गौरतलब है कि देशभर में ईएसआईसी के 150 से ज्यादा अस्पताल हैं, जहां सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों तक के इलाज होता है.
बता दें कि ESI का लाभ उन कर्मचारियों को मिलता है जिनकी मंथवी इनकम 21 हजार या उससे कम होती है. वहीं, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए न्यूनतम मजदूरी सीमा 25000 रुपये महीना है. ESI स्कीम में कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं. इसमें कर्मचारी की तरफ से सैलरी का 1.75 फीसदी और नियोक्ता की ओर से कर्मचारी की सैलरी के 4.75 प्रतिशत के बराबर कॉन्ट्रिब्यूशन किया जाता है.
ESI स्कीम के फायदे
ESI स्कीम के तहत कर्मचारियों को मुफ्त इलाज का मिलता है.इस स्कीम के जरिए बीमित शख्स के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्यों को भी इलाज फ्री में होता है. खास बात यह है कि स्कीम के तहत बीमित व्यक्ति और उसके परिजनों के इलाज में खर्च होने वाले पैसे की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
रिटायर्ड कर्मचारी और स्थायी रूप से अपंग बीमाकृत व्यक्ति और उसके जीवनसाथी को महज 120 रुपये के एनुअल प्रीमियम पर मेडिकल केयर प्रदान की जाती है. इतना ही नहीं स्कीम के तहत बीमित शख्स को बीमारी के दौरान छुट्टी के लिए 91 दिनों का पेमेंट किया जाता है.बीमारी के दौरान कर्मचारी को उसे मजदूरी का 70 फीसदी पेमेंट मिलता है.
मैटरनिटी लीव का भी लाभ
ईएसआई के तहत महिलाओं को मैटरनिटी लीव का लाभ भी मिलता है. इसमें महिलाओं को डिलीवरी में 26 हफ्ते तक और गर्भपात की स्थिति में छह हफ्ते तक औसत वेतन का 100 फीसदी पेमेंट किया जाता है. इतना ही नहीं अगर किसी बीमित व्यक्ति की रोजगार के दौरान मौत हो जाए तो ईएसआईसी उसकी अंत्येष्टि के लिए मूल व्यय दिया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 10 हजार रुपये तक है. साथ ही आश्रितों को नियत अनुपात में मासिक पेंशन भी दी जाती है.
ईएसआई के तहत बीमित व्यक्ति को टेंपरेरी डिसेबिलिटी की स्थिति में पूरी तरह स्वस्थ होने तक और परमानेंट डिसेबिलिटी की स्थिति में जीवन भर मासिक पेंशन देना का प्रावधान है.वहीं, उसके आश्रितों को पेंशन,बेरोजगारी भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं.
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