नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को सीएम अरविंद केजरीवाल का साथ छोड़ दिया और आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए.
AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने त्यागपत्र में 50 वर्षीय गहलोत ने कहा, "लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं." बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब आम आदमी पार्टी के किसी दिग्गज नेता ने केजरीवाल का साथ छोड़ा है.
आम आदमी पार्टी के गठन के बाद से अब तक कई नेताओं ने भी AAP से दूरी बना ली है. इनमें राजेंद्र पाल गौतम, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, आशुतोष और कुमार विश्वास शामिल हैं. इस लिस्ट में अब कैलाश गहलोत का नाम भी शामिल हो गया है.
कुमार विश्वास ने छोड़ा केजरीवाल का साथ
AAP के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास के केजरीवाल के साथ मतभेद हो गए थे. पार्टी ने उन्हें पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार न करने को कहा था. बाद में उन्हें पीएसी से हटा दिया गया और राजस्थान प्रभारी पद से भी हटा दिया गया. हालांकि, बाद में उन्हें पीएसी में वापस लाया गया,लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
पार्टी से निकाले गए आनंद कुमार
जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे. उन्हें 2015 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया था. उन्होंने 2014 में दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के मनोज तिवारी से हार गए थे. उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने का आरोप लगाया था.
सुभाष वारे का इस्तीफा
महाराष्ट्र इकाई के नेता ने अक्टूबर 2015 में आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. महाराष्ट्र इकाई को केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भंग कर दिया गया था, क्योंकि कुछ राज्य नेताओं ने शीर्ष नेताओं पर निरंकुश तरीके से व्यवहार करने का आरोप लगाया था.