जामताड़ा: जिला प्रशासन की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. जिला आपूर्ति विभाग की इस कार्रवाई से पूरे जिला में हड़कंप मच गया है. क्योंकि यहां के एक राइस मिल से कुछ ऐसा मिला है, जो संदिग्ध और अवैध नजर आ रहा है.
जामताड़ा जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार को रामेश्वरा राइस मिल नाम के एक राइस मिल में अचानक छापा मारा. जहां से भारी मात्रा में रिपब्लिक आफ बांग्लादेश के नाम की छपी बोरी मिली. इन बोरियों में चावल भरे हुए पाए गये. कार्रवाई करने गयी टीम भी रिपब्लिक आफ बांग्लादेश की छपी बोरी और बांग्लादेशी बोरी में पैक चावल को देखकर दंग रह गई. इस कार्रवाई में हुए खुलासे से इलाके में हड़कंप मच गया है.
संवाददाता संजय तिवारी की रिपोर्ट (Etv Bharat) चावल से लदा एक पिकअप वैन जब्त
जिला आपूर्ति विभाग की टीम ने राइस मिल में छापेमारी के दौरान एक पिकअप वैन को पकड़ा. इस वैन में चावल की कई बोरियां थीं, जो अवैध रूप से ली गई थी. अधिकारियों को राइस मिल द्वारा किसी भी तरह का कोई कागजात चावल के संबंध में नहीं प्रस्तुत किया गया. इसके बाद प्रशासन की टीम ने चावल लदे पिकअप वैन को अवैध करार देते हुए पुलिस के हवाले कर दिया.
इस कार्रवाई के दौरान राइस मिल में सरकारी पीडीएस चावल भी पाया गया. राइस मिल में पीडीएस का चावल ग्रामीणों के बीच वितरण किया जाता था. इस राइस मिल पर पीडीएस के चावल को पॉलिश करके बाजार में खपाने का आरोप लगा है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
राइस मिल में छापेमारी करने पहुंची प्रशासन की टीम में शामिल जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजशेखर ने जानकारी देते हुए बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि इस राइस मिल में सरकारी चावल की कालाबाजारी और तस्करी की जा रही है. जिसके आधार पर वे अपनी टीम के साथ छापेमारी करने पहुंचे. इस दौरान जांच के क्रम में अवैध रूप से पिकअप में 36 बोरा चावल पाया. इसके साथ राइस मिल में रिपब्लिक आफ बांग्लादेश के नाम की बोरी काफी मात्रा में मिली है. इसको लेकर राइस मिल को सील किया गया है और आगे की जांच की जा रही है.
राइस मिल मालिक ने दी सफाई
वहीं प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई से राइस मिल मालिक आक्रोशित नजर आए. राइस मिल के मालिक संजय परशुराम ने अपने मिल में पाए गए बांग्लादेशी बोरी और पीडीएस के सरकारी चावल को लेकर सफाई दी. उन्होंने कहा कि सरकारी नीलामी के तहत उन्होंने पीडीएस के चावल लिए थे. उनके मिल में बांग्लादेशी बोरी को लेकर कहा कि पश्चिम बंगाल के मिलर द्वारा बांग्लादेश भेजने के लिए चावल खरीदा था, इसमें कुछ बोरी बच गयी थी. वहीं राइस मिल में बांग्लादेशी नाम की बोरी में भरे चावल को लेकर जवाब देने में असमर्थ रहे.
बरहाल जो भी हो जामताड़ा के राइस मिल में भारी मात्रा में बांग्लादेशी नाम से छपी बोरियां पाया जाना. साथ ही बांग्लादेशी लिखी बोरियों में चावल पाया जाना लेकर संदेह अवश्य पैदा कर दिया है.
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