अयोध्या राम मंदिर के दरवाजे तमिलनाडु में बनाए गए, जानें शिल्पकार ने क्या कहा
Ram temple doors made in Mahabalipuram: तमिलनाडु में अयोध्या स्थित राम मंदिर के दरवाजे तैयार किए गए. महाबलीपुरम के शिल्पकार रमेश ने गर्भगृह सहित महत्वपूर्ण स्थानों के लिए 18 दरवाजे बनाए हैं.
अयोध्या राम मंदिर के दरवाजे तमिलनाडु में बनाए गए, जानें शिल्पकार ने क्या कहा
चेन्नई: अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा. मंदिर को 'नागर' शैली में बनाया गया है. यह वास्तुकला की तीन श्रेणियों में से एक. मंदिर में स्थापित भगवान राम की मूर्ति का विशेष महत्व है. नेपाल से सटे हिमालय की तलहटी में बहने वाली गंडकी नदी से भगवान राम का प्रतीक स्वरूप सलक्रमम नामक एक काला पत्थर लाया गया जिसे तराशकर भगवान राम की मूर्ति बनाई गई.
18 जनवरी 2024 को ये कार्य पूरा होने के बाद मंदिर के गर्भगृह में 'राम मूर्ति' की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू की गई. इसे कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगी राज द्वारा डिजाइन की गई है. भगवान राम की मूर्ति को डिजाइन करने का सम्मान कर्नाटक को मिला है. वहीं, मंदिर के गर्भगृह सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर दरवाजे डिजाइन करने का सम्मान तमिलनाडु को प्राप्त हुआ है.
तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले के महाबलीपुरम (मामल्लपुरम) क्षेत्र के रमेश नामक शिल्पकार द्वारा बनाए गए दरवाजे राम मंदिर में स्थापित किए गए हैं. ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में रमेश ने कहा, 'हैदराबाद की एक कंपनी के जरिए मुझे राम मंदिर का निर्माण करा रही फाउंडेशन से मिलने का मौका मिला. उनके अनुरोध के अनुसार हमने कुछ ही समय में मंदिर का एक छोटा मॉडल बनाया.'
इसके बाद हमें मंदिर में गर्भगृह सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर 18 दरवाजे बनाने और फिट करने का काम दिया गया. हमने जुलाई 2023 से उस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसके अलावा मूर्ति को मंदिर से गर्भगृह तक ले जाने के लिए हमने तुरंत इसे बनाया और हवाई मार्ग से भेजा.
उन्होंने कहा, 'कुल मिलाकर हमें लगता है कि यह अवसर उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय राज्यों के बीच एक अच्छा पुल है.' फिलहाल रमेश राम मंदिर के उद्घाटन के लिए अयोध्या गए हुए हैं. यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या राम मंदिर के निर्माण में चेंगलपट्टू जिले के एक लकड़ी के मूर्तिकार का योगदान तमिलनाडु को गौरवान्वित करता है.